Editorial (संपादकीय)

रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग और अपनी मेहनत से प्राप्त किया लक्ष्य

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भोपाल। अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसान हमेशा लगन और मेहनत से खेती करता है लेकिन तकनीकी जानकारी के अभाव के कारण उसको अपना उत्पादन लागत की तुलना में उतना नहीं मिल पाता। लेकिन जब किसान एक नवाचार किसान के साथ मिलता है तो वह बहुत कुछ सीखता है, और अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमेशा कुछ न कुछ नया करने की कोशिश करता है, तब उसे निश्चित ही सफलता मिलती है। एक ऐसे ही किसान जिनका नाम राजेश मीणा है, यह ग्राम वीनापुर तहसील हुजूर जिला भोपाल से हैं। इनके पास 5 एकड़ जमीन है, जिसमें 2 एकड़ में जैविक खेती करते हैं और 3 एकड़ में रसायनिक विधि से खेती करते हैं। इस वर्ष इन्होंने 1 एकड़ 25 डिसमिल में जैविक तरीकों से सब्जी का उत्पादन किया और 75 डिसमिल में गेहूं और चने की फसल लगाई। जैविक खेती करने के लिए श्री मीना ने श्री श्याम सिंह कुशवाह जो गोल खेड़ी के किसान हैं, से संपर्क किया। इन्होंने रिलायंस फाउंडेशन के कार्यक्रम में आकर कुछ जानकारियां प्राप्त की साथ ही साथ एक नया खेती करने का तरीका भी समझा और जानने की कोशिश की। जब भी गोल खेड़ी में रिलायंस फाउंडेशन के कार्यक्रम होते तो यह उस कार्यक्रम में जरूर आते और श्याम सिंह कुशवाहा से छोटी-छोटी बारीकियां जैविक खेती करने के तरीके को जानने की कोशिश करते जिस प्रकार से श्याम सिंह कुशवाहा के फार्म पर जैविक विधि से खेती करते तो उनको सीख कर वह भी अपनी खेती जैविक के तरीके अपनाकर करते। श्री राजेश मीणा ने जून 2019 से जनवरी 2020 तक 1 एकड़ 25 डिसमिल में टमाटर, मिर्ची, बैंगन, गिलकी एवं गोभी, मूली, धनिया, सेम आदि सब्जियों की बुवाई की और इन्होंने 1 लाख 20 हजार रु. का लाभ कमाया। 75 डिसमिल में गेहूं और चने की फसल जैविक विधि से लगाई है जिसका उत्पादन मार्च अंत तक आ जाएगा। श्री राजेश मीणा को जब भी जैविक खेती के तरीके और अधिक जानना हो तो श्याम कुशवाह के फॉर्म में जाकर सीखते और समझते हैं । जैसे कीट बीमारियां आती हैं तो पांच पत्ती काढ़ा गोमूत्र का उपयोग किस प्रकार से करना है, वर्मी वाश, मछली खाद, मटका खाद, नीम तेल छिड़काव किस प्रकार से करें और कब कब करना है। श्री मीणा ने 3 एकड़ गेहूं की फसल के लिए रिलायंस फाउंडेशन द्वारा आ रही वॉइस मैसेज को सुना तथा कृषक जगत न्यूजपेपर पर आ रही तकनीकी जानकारी को अपनाया। गेहूं की फसल में बीज उपचार से लेकर सिंचाई कीट प्रबंधन रसायनिक खाद का उपयोग किस समय करें आदि की जानकारियों का उन्होंने भरपूर उपयोग किया। गेहूं की फसल में इस वर्ष इन्हें प्रति एकड़ 25 क्विंटल उत्पादन आने की संभावना है। श्री मीणा बोलते हैं कि रिलायंस फाउंडेशन द्वारा आ रहे वॉइस मैसेज मेरे लिए बहुत लाभदायक सिद्ध हुए हैं। इनका कहना है रिलायंस फाउंडेशन द्वारा आ रही समसामयिक जानकारी किसान अपनाता है तो जरूर उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और साथ ही साथ उनकी लागत भी कम होगी।

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