फसल की खेती (Crop Cultivation)

20-25 दिन की धान फसल में कैसे करें पोषक तत्व प्रबंधन; पूसा संस्थान ने जारी की सलाह

27 जुलाई 2023, भोपाल: 20-25 दिन की धान फसल में कैसे करें पोषक तत्व प्रबंधन; पूसा संस्थान ने जारी की सलाह – भारतीय कृषि अनुसंधान के विशेषज्ञ, डॉ वाई एस शिवे ने कृषकों को धान की फसल में रोपाई के बाद उपयोग किए जाने वाले पोषक तत्व प्रबंधन की सलाह जारी की हैं। इस सलाह के अनुसार जिन किसानों ने धान फसल की रोपाई समय से की हैं उनकी फसल लगभग 20-25 दिन की हो गई होगी। तो ऐसे कृषकों को इस समय धान की फसल में मुख्य सस्य क्रिया जैसे पोषक तत्व प्रबंधन पर ध्यान देना होगा।

धान की फसल के लिए पोषक तत्व प्रबंधन-

फसल में 10-12 टन गोबर की सड़ी गली खाद् रोपाई के समय डालें।

फसल में नाइट्रोजन की मात्रा 130-140 किलोग्राम का उपयोग विपुल  उत्पादन देने वाली या लंबी अवधि वाली किस्मों के लिए करें।

धान की फसल में फासफोरस 50-60 किलोग्राम, पोटाश 40-50 किलोग्राम  और जिंक सल्फेट 20-25 किलोग्राम डालें।

अंतिम पडलिंग के समय पूरे फास्फोरस की मात्रा सिंगल सुपर फॉस्फेट (एसएसपी) के रूप में दे, क्योकि सिंगल सुपर फास्फेट से पौधों को फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर भी मिलता हैं। इससे दोनों पोषक तत्वों की आपूर्ति एसएसपी से हो जाती हैं।

धान की फसल में पोटाश को म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) के रूप में देना चाहिए। इसके अलावा जिंक सल्फेट को जिंक सल्फेट हेप्टाहाइड्रिट के रूप में देना चाहिए।

नाइट्रोजन को रोपाई के 6-8 दिन बाद देना चाहिए ताकि पौधो की जड़े मजबूत हो जाये और वो नाइट्रोजन को लेने की क्षमता रख पायें। इस प्रकार नाइट्रोजन को तीन भागों में बांटकर दें। अर्थात नाइट्रोजन का पहला डोज रोपाई के 6-8 दिन बाद, दूसरा डोज रोपाई के 25-30 दिन बाद और तीसरा डोज रोपाई के 50-60 दिन बाद देना चाहिए।

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