जायद में सिंचाई प्रबंध
19 अप्रैल 2023, भोपाल । जायद में सिंचाई प्रबंध – जल ही जीवन है ग्रीष्मकाल में तो बूंद-बूंद पानी की सुरक्षा जरूरी है जहां एक ओर पीने के पानी की उपलब्धि आवश्यकता से बहुत कम है दूसरी ओर वर्षा जल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंEditorial related to agriculture in India, agriculture policies, farmer feedback & its relevance in Indian Scenario.
19 अप्रैल 2023, भोपाल । जायद में सिंचाई प्रबंध – जल ही जीवन है ग्रीष्मकाल में तो बूंद-बूंद पानी की सुरक्षा जरूरी है जहां एक ओर पीने के पानी की उपलब्धि आवश्यकता से बहुत कम है दूसरी ओर वर्षा जल
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंविनोद के. शाह, मो.: 9425640778 19 अप्रैल 2023, भोपाल । नदी लिंक परियोजना में जल की शुद्धता पहली प्राथमिकता बने – नदियां सभ्यता एवं संस्कृति के रुप में जीवनदायनी है। अत्याधिक बारिश के बाद भी शीत ऋतु के दौरान नदियों
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसचिन गजेंद्र, वरिष्ठ शोध अध्येता संदीप गांगिल, प्रधान वैज्ञानिक भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल प्रकाश चन्द्र जेना, वरिष्ठ वैज्ञानिकभा.कृअनु.प.-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक (ओडिशा) 13 अप्रैल 2023, भारत में बायोमास पेलेट्स का बिजली उत्पादन में योगदान – बायोमास एक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंडॉ.ओ.पी.जोशी 12 अप्रैल 2023, भोपाल । ‘राम’ के रास्ते पर्यावरण सुधार – कहा जाता है कि भगवान राम, किसी श्राप के वशीभूत 14 साल वन में रहे थे और राजधानी अयोध्या से सुदूर दक्षिण तक गए थे। आजकल राज्य और
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें11 अप्रैल 2023, भोपाल । खेत – खलिहान से भण्डारण तक – प्रकृति के उलटफेर अतिरेक के बावजूद रबी फसलों के उत्पादन पर कोई विशेष असर नहीं होगा। अतिरेक की सीमा सीमित है और लहलहाती फसलों का क्षेत्र अपार आंकड़े,
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपवन नागर 2 अप्रैल 2023, भोपाल । नादानी और बेईमानी से खत्म हो रहा पानी – पानी के लिए मचते हाहाकार में हम धूर्ततावश अक्सर यह भूल ही जाते हैं कि इस त्रासदी की असली वजह तो हम, इंसान ही
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें2 अप्रैल 2023, भोपाल । मिश्रित खेती से मुनाफा कमाएं – मिश्रित खेती का इतिहास हमारी संस्कृति से जुड़ा हुआ है। सदियों से कृषि और पशुपालन की प्रथा चली आ रही है और उसके महत्व से भी सभी परिचित हंै।
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें28 मार्च 2023, भोपाल । खेतों की तैयारी भी जरूरी – खेती एक सतत क्रिया है। कहावत है ‘खेती आप सेती’ मतलब खेती किसी संदेश या खबर पर नहीं की जा सकती है, खेती स्वयं को करना पड़ता है। खेती
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें23 मार्च 2023, भोपाल । अब समय कटाई – गहाई, भंडारण का – बीते दिनों मौसम कशमकश के कारण बीते आज खेतों में हंसिया लगने का समय सामने है। कटाई, गहाई, भंडारण को किसी उपन्यास का सुखद या दुखद अंत माना
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंलेखक: अमित बैजनाथ गर्ग, वरिष्ठ पत्रकार 17 मार्च 2023, नई दिल्ली: किसानों की तकदीर बदल सकती है औषधीय खेती – विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि विकासशील देशों में करीब 80 फीसदी लोग अपनी स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा
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