बनी रहे मावठे की मिठास
22 जनवरी 2023, भोपाल । बनी रहे मावठे की मिठास – प्रकृति जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है। मावठा निश्चित ही रबी फसलों के लिए एक तरह का वरदान ही साबित होगा, प्रकृति से यदि सबसे अधिक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंराष्ट्रिय कृषि समाचार
Editorial related to agriculture in India, agriculture policies, farmer feedback & its relevance in Indian Scenario.
22 जनवरी 2023, भोपाल । बनी रहे मावठे की मिठास – प्रकृति जब देती है तो छप्पर फाड़ कर देती है। मावठा निश्चित ही रबी फसलों के लिए एक तरह का वरदान ही साबित होगा, प्रकृति से यदि सबसे अधिक
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें16 जनवरी 2023, भोपाल । रबी फसलों में पौध संरक्षण – कीट, रोग, खरपतवार धरा पर मानव समाज के अवतरित होने के बहुत पहले विद्यमान हो चुके थे। वातावरण मौसम, प्रकृति के अतिरेक से लड़-भिडक़र अपनी उपस्थिति सदैव जतलाकर कृषि
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंगोपाल भार्गव 9 जनवरी 2023, भोपाल । मध्य प्रदेश में सुगम यातायात और नागरिक सुरक्षा के लिए लगातार हो रहा काम – प्रदेशवासियों को सुगम और सुरक्षित यातायात उपलब्ध कराना राज्य शासन की प्राथमिकता है। सुगम मार्ग उपलब्ध कराने की
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें9 जनवरी 2023, भोपाल । रबी फसलों का रखरखाव – रबी फसलों की बुआई का कार्यक्रम प्राय: पूरा हो चला है। बुआई उपरांत फसलों के रखरखाव मुख्यत: पौध संरक्षण कार्यों में यदि कोताही की गई तो लक्षित उत्पादन के लक्ष्य
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसुदर्शन सोलंकी 1 जनवरी 2023, भोपाल । खाद्यान्न की बर्बादी : खतरे में खाद्यान्न – दुनियाभर में सबके लिए पेट-भर भोजन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है, लेकिन उससे पार पाने के लिए कोई कारगर उपाय सामने नहीं आ
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें1 जनवरी 2023, भोपाल । मुनाफे की खेती में फूलों का महत्व – वर्तमान के संदर्भ में खेती को लाभकारी बनाने के चहुंओर प्रयास किये जा रहे हैं। खेती के कुछ भाग में फल वृक्ष, पशुपालन, मशरूम पालन, मछली पालन
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंशशिकांत त्रिवेदी, वरिष्ठ पत्रकार,मो. : 9893355391 29 दिसम्बर 2022, भोपाल । बीजों की नई किस्म और टेक्नालॉजी कंपनियों को मुफ्त नहीं मिलेगी – किसानों के लिए अच्छी खबर है। अब निजी कम्पनियाँ या सार्वजनिक एजेंसियाँ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंमधुकर पवार 25 दिसम्बर 2022, भोपाल । गरीबों का भोजन बन रहा है अमीरों की थालियों की शान – भारत में कुछ दशक पहले निम्न आय और निर्धन लोगों के खाने में उपयोग में लाये जाने वाले मोटे अनाज अब
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें25 दिसम्बर 2022, भोपाल । जैविक कृषि आदान के मानक बनें – पृथ्वी के निर्माण व उसमें मानव के आगमन से लेकर 20वीं सदी के प्रारंभ तक मानव आबादी मात्र एक अरब तक ही पहुंच पाई थी परंतु जब 20वीं
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंओ.पी. जोशी 21 दिसम्बर 2022, भोपाल । आजादी के ‘अमृत महोत्सव’ में उपेक्षित पर्यावरण – कोई देश हो, संगठन हो या कोई व्यक्ति, सभी को अपनी-अपनी वर्षगांठ उत्सव-उत्साह के अलावा अपने किए-धरे और मौजूदा हालातों की समीक्षा के साथ मनाना
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