Animal Husbandry (पशुपालन)

देवास में पशुपालन एवं दुग्‍ध संघ की समीक्षा बैठक सम्पन्न

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26 नवम्बर 2022, देवास: देवास में पशुपालन एवं दुग्‍ध संघ की समीक्षा बैठक सम्पन्न – कलेक्‍टर श्री ऋषव गुप्‍ता ने गत दिनों पशुपालन विभाग, दुग्‍ध संघ आदि की समीक्षा बैठक कलेक्‍टर कार्यालय सभाकक्ष में ली, जिसमें उप संचालक पशुपालन श्री ओ.पी. त्रिपाठी, दुग्‍ध संघ से श्री एस.के. जैन सहित विभागीय के अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान निर्देश दिये कि विभाग जिले में शत-प्रतिशत पशुओ का पंजीयन कर टेग लगाये तथा इनाफ पोर्टल पर रजिस्‍टर करें। लम्पी बीमारी के संबंध में लगातार समीक्षा करते रहे है। यदि बीमारी होती है तो तत्‍काल ईलाज करें। गौवंश को वैक्‍सीन लगाई जाये। कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा पावर पाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से की और लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि की जानकारी ली। बैठक में बताया गया कि जिले में पशुपालन विभाग की 90 संस्थाएं हैं । जिसमें चलित पशु चिकित्‍सा इकाई 1, पशु चिकित्‍सालय 20, पशु औषधालय 24, कृत्रिम गर्भाधान केन्‍द्र 02, कृत्रिम गर्भाधान उपकेन्‍द्र 32, मुख्‍य ग्राम खण्‍ड 1 तथा मुख्‍य ग्राम इकाई 10 है। जिले में 2022-23 में 01 लाख 69 हजार 654 पशुओं का उपचार किया गया, 3 लाख 87 हजार 51 टीके लगाये गये, 77 हजार 223 कृत्रिम गर्भाधान तथा 23 हजार 892 वत्‍सोपादन किया गया।

बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत बुसेल्ला टीकाकरण में 04 से 08 माह तक के मादा वत्सों को बुसोलेसिस बीमारी जिसमें गर्भावस्था के आखरी बेमास में गर्भपात हो जाता है, से बचाव के लिए टीककरण देवास जिले को 47350 के टीकाकरण के लक्ष्य के विरुद्ध 40135 (85 प्रतिशत) टीकाकरण किया गया है। राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम कार्यक्रम के अन्तर्गत जिले के गौ-भैसवंशीय पशुओं की नस्ल सुधार के लिए उच्च उत्पादक गुणवत्ता वाले सीमन द्वारा घर पहुंच कृत्रिम गर्भाधान सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। कार्यक्रम के तृतीय चरण में जिसकी अवधि 1 अगस्त 2021 से 31 जुलाई 2022 तक थी, जिले को प्राप्त 56 हजार 885 के विरूद्ध 51 हजार 981 पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान कार्य सम्पादित किया गया है। वर्तमान में कार्यक्रम का चतुर्थ चरण कियान्वित किया जा रहा है। जिसकी अवधि 1 अगस्त 2022 से 31 जुलाई 2023 तक निर्धारित की गई है। जिले के लक्ष्य 56 हजार 885 पूवर्वत ही रखा गया है। अभी तक 12 हजार 888 पशुओं में कृत्रि गर्भाधान कार्य संपादित किया जा चुका है।

इसके अलावा पशु पालन के लिए वर्ष 2022-23 में किसान क्रेडिट कार्ड (के.सी.सी) के लिए जिले के 6 विकास खंडों में 2400 के.सी.सी स्वीकृत किये जाने का लक्ष्य प्राप्त हुआ था। जिसमें से माह अक्टूबर 2022 तक 900 केसीसी विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृत किये जा चुके हैं एवं प्रक्रिया जारी है। अशासकीय स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा संचालित गौशाला जिले में अशासकीय स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा 19 पंजीकृत क्रियाशील गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। जिसमे 3522 गौवंश संधारित किये रहे हैं । मुख्यमंत्री गौसेवा योजनान्तर्गत संचालित गौशाला में 48 गौशालाएं स्वीकृत होकर 10 गौशालाएं पूर्ण हो चुकी है। 32 गौशालायें निमार्णाधीन है तथा 6 गौशालाओं में कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है। पूर्ण गौशालाओं में से 4 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ हो गया है। जिसमें 327 गोवंश संधारित किये जा रहे है। शेष 6 गौशालाओं का संचालन प्रारंभ किये जाने की कार्यवाही प्रचलित है ।

 बैठक में बताया गया कि जिले में दुग्‍ध संघ की 381 समितियां कार्यरत है। जिसमें 13 हजार 76 सदस्‍य है। जिले में महिला समित 45 है। जिसमें महिला सदस्‍य 3 हजार 513 है। वर्तमान में 72 हजार लीटर प्रतिदिन दूध का संकलन किया जा रहा है तथा 11 हजार लीटर दूध वितरण किया जा रहा है। जिले में दुग्‍ध चिलिंग सेंटर चापड़ा , सोनकच्‍छ, टोंकखुर्द एवं कन्‍नौद में है, जहां पर दूध का संग्रहण होता है।

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