Animal Husbandry (पशुपालन)

शूकर पालन ने अंबिकापुर की महिलाओं को दी आजीविका की राह

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19 अक्टूबर 2022, अम्बिकापुरशूकर पालन ने अंबिकापुर की महिलाओं को दी आजीविका की राह – जिले के दूरस्थ एवं वनांचल विकासखण्ड मैनपाट के ग्राम चिड़ापारा की गुलाब स्व सहायता समूह की महिलाओं को शूकर पालन से  आजीविका की नई राह मिल गई है। कम समय मे अधिक मुनाफा मिलने से महिलाओं की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है जिससे उनके हौसले बुलंद है। शुकर पालन से महिलाआें को सालाना एक लाख रुपये की आमदनी हो रही है। गुलाब स्व सहायता समूह परस्पर सहयोग की भावना रखते हुए अपने आजीविका के रूप में शूकर पालन एवं बिक्री  कर अपने आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए स्वालम्बी समूह की एक मिशाल बन रही है ।

 मैनपाट विकासखण्ड के ग्राम पंचायत चिड़ापारा (भेलतराई) की गुलाब स्व सहायता समूह में 10 महिला सदस्य हैं जो बिहान योजना द्वारा संचालित है। समूह का गठन वर्ष .2018 में।किया गया है। इनके क्षमता वर्धन का कार्य विकासखंड मिशन प्रबंधन इकाई एवं अभिसरण के माध्यम से किया गया। गुलाब स्व सहायता समूह के सदस्य बिहान से जुड़ने के बाद जिंदगी में कुछ कर गुजरने एवं अच्छे मुकाम हासिल करने की प्रेरणा मिली। वे आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कुछ न कुछ आजीविका संबंधित कार्य करना चाहती थी। समूह ने 11 सूत्रों का नियमतः पालन करते हुए चक्रीय निधि राशि 15 हजार रुपये, सामुदायिक निवेश कोष राशि 60 हजार एंव बैंक लिंकेज की राशि 20 हजार प्राप्त कर शूकर पालन प्रारम्भ किया गया। शुरुआती दौर में सदस्यों द्वारा स्थानीय हाट-बाजारों में शूकर बिक्री किया गया। अब तक 4 लाख 50 हजार रुपये का शूकर बिक्री किया जा चुका बै जिससे धीरे-धीरे इनके आय में वृद्धि हो रही है । 

समूह से जुड़ने से पहले महिलाओं की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर थी और जीवन एक सामान्य मेहनत-मजदूरी पर निर्भर था। इसके साथ ही कम आय की वजह से समूह की महिलायें घर एवं परिवार की समस्या से हमेशा घिरी हुई रहती थी ।छत्तीसगढ़ राज्य ग्राम ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर स्व सहायता समूह की महिलाएं सफलता की नई इबारत लिख रही हैं।समूह के सदस्यों को राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी के माध्यम से सूक्ष्म उद्यम के रूप में विकसित कर मांग को बढ़ाते  हुए, आपसी सामंजस्य से समूह को उन्नति की ओर अग्रसर करने का काम किया जा रहा है।

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