घरेलू पशुओं मे टीकाकरण द्वारा संक्रामक रोगो से बचाव
लेखक- डॉ. प्रवीण पिलानिया प्रोफेसर असिस्टेंट (डिपार्टमेंटो डी प्रोड्यूसियोनी मनेजो एनिमल) कोलेजियो एग्रीकोला झिलई, निवाई टोंक यूनिवर्सिडैड एग्रीकोला श्री करण नरेंद्र जोबनेर
18 जनवरी 2024, भोपाल: घरेलू पशुओं मे टीकाकरण द्वारा संक्रामक रोगो से बचाव – घरेलू पशुओं में संक्रामक रोगो की रोकथाम के लिये टीकाकरण सर्वोत्तम विधि मानी जाती है।
वैक्सीन टीके पशुओं के शरीर में प्रभावी त्रिदोषन या कोशिका मध्यस्ता प्रति रक्षा को विकसित कर पशुओं की विभिन्न रोगो से सुरक्षा प्रदान करने में मदद करती है। वैक्सीन पशुओं के शरीर पर कोई दुष्प्रभाव नहीं डालती है।
टीकाकरण कार्यक्रम का कड़ाई से अनुपालन पशुओं को स्वस्थ एवं अधिक उत्पादनशील बनाये रखने में किसानों की मदद करता है।
पशुओं के टीकाकरण करने से पहले क्या करें:-
पशुओं को कृमिनाशक औषधियों द्वारा कृमि मुक्त करें।
टीकाकरण के दो सप्ताह बाद तक पशुओं को तनावमुक्त रखें एवं रोगी पशु के सम्पर्क से बचायें।
पशुओं के टीकाकरण के दौरान क्या न करें।
रोगी दुर्बल एवं वृद्ध पशुओं का टीकाकरण न करें।
टीकाकरण के बाद दो सप्ताह तक पशुओं के उपचार हेतु एन्टीबायोटिक सल्फा औषधियों, कृमिनाशक और प्रतिरक्षा दमनक दवाओं का प्रयोग न करें।
पालतू पशुओं के संक्रामक रोगो के बचाव के लिये टीकाकरण सारणी:-
बीमारी | वैक्सीन | खुराक | कैसे लगायी जायें | वैक्सीन लगाने का समय |
गलघोटू, गाय, भैस, भेड़, बकरी एवं सूकर | फिटकरी सांद्रित | 5 मिलि. | खाल के नीचे | प्रथम बार छः माह की उम्र में, तत्पश्चात छः महीने के बाद |
खुरपका- मुंहपका, गाय, भैस, भेड़, बकरी , सूकर, याक एवं मिथून | एल्यूमिनियम हाईड्राक्साईड जैल अवशोषित खुरपका मुंहपका वैक्सीन | 2 मिली. | खाल के नीचे | प्रथम बार तीन माह की उम्र में तत्पश्चात नौ महीनें की उम्र में बुस्टर खुराक उसके बाद हर छः माह में |
ब्रूसीलोसिस गाय, भैस, बकरी, सूकर एवं कुत्ता प्रजाति | ब्रुसैला अर्बोटीस | 2 मिली. | खाल के नीचे | 4-6 माह की मादा पशुओं में |
लंगड़ा बुखार गांय एवं भैस | लंगडिया बुखार जीवाणु टीका | 5 मिलि. | खाल के नीचे | वर्षा ऋतु के प्रारम्भ होने से पूर्व वर्ष में एक बार |
गिल्टी रोग गाय, भैस, भेड़, बकरी एवं सूकर | एंथ्रैक्स बीजाणु टीका | 1 मिलि | खाल के नीचे | वर्षा ऋतु के प्रारम्भ होने से पूर्व वर्ष में एक बार |
भैड़ चेचक | भेड़ चेचक तनु टीका | 1 मिलि | खाल के नीचे | तीन महीने की उम्र होने पर |
ऐन्टोरोटाक्सीमिया भेड़ एवं बकरी | ऐन्टोरोटाक्सीमिया वैक्सीन | 2.5 मिलि. | खाल के नीचे | तीन महीने की उम्र होने पर तथा 14 दिन बाद बुस्टर टीका तत्पश्चात गर्मी ऋतु शुरू होने से पूर्व वार्षिक टीकाकरण |
पी.पी.आर. बकरी एवं भेड़ | पी.पी.आर तनु टीका | 1 मिलि | खाल के नीचे | तीन महीने की उम्र होने पर |
टिटनैस (सभी पालतु पशु प्रजातियों में | टिटनेस टोक्साईड | 1 मिलि | मांस के अन्दर | पहली खुरक के चार-छः सप्ताह बाद बुस्टर टीका ततपशचात वार्षिक टीकाकरण |
घोड़ा प्रजाति में गर्भपात | साल्मोनेला अबोर्टस इक्वाई टीका | 10-15 मिलि | गहरे मांस के अन्दर | दो-चार सप्ताह के अन्तराल में दो बार टीकाकरण तत्पश्चात, वार्षिक टीकाकरण |
शूकर ज्वर शूकर प्रजाति | लैपिनाईज्ड शूकर ज्वर टीका | एक मिलि | खाल के नीचे | 3 माह से अधिक उम्र के सभी शूकरों का वार्षिक टीकाकरण |
टीकाकरण के फायदे:-
टीकाकरण संक्रामक रोगो से हमारे जानवरों की रक्षा करता है।
टीकाकरण के द्वारा जूनोटिक बीमारीयों का पशुओ से मनुष्यो में संक्रमण को रोका जा सकता है।
टीकाकरण संक्रामक रोगो से जुड़े उपचार की लागत को कम कर किसानों पर आर्थिक बोझ को कम करनें में मदद करता है।
टीकाकरण के दौरान सावधानियां:-
वृद्ध एवं गर्भवती जानवरों का टीकाकरण नहीं किया जाना चाहियें।
वायरल तनु टीको को बनाये रखने के लिये उचित कोल्ड चैन को बनाये रखना चाहियें।
पशुओं के टीकाकरण से पहले पशुओं के कृमिनाशक दवाओं द्वारा उन्हें कृमि मुक्त बनाया जाना चाहियें।
संक्रमित या रोग ग्रस्त पशुओं के टीकाकरण से परहेज करना चाहियें।
टीकाकरण सारणी की सख्त अनुपालना टीकाकरण कार्यक्रम की सफलता के लिये अत्यन्त आवश्यक है।
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