समस्या- क्या फसलों में लाल मकड़ी के अलावा कुछ मित्र मकडिय़ां भी होती हैं, जो कीटों को खाकर फसलों को क्षति से बचाती हैं।
– रमेश जायसवाल, सिवनी
समाधान- आपका सवाल बिल्कुल नया है पर जानकारी आवश्यक है। पौध संरक्षण में मित्र कीटों के महत्व को समझना बहुत जरूरी है ताकि बिना सोचे-समझे जहरीले कीटनाशकों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाये। खेतों में विभिन्न प्रकार की मकडिय़ां होती हैं जो जाल बुनकर उसमें कीटों को फंसाती है और उसका उपयोग स्वयं के भोजन के लिये करती हैं। कुछ मकडिय़ां जाल नहीं बनाती है और शिकारी की तरह कीटों पर आक्रमण करती हंै। प्रमुख रूप में खेतों में भेडिय़ां मकड़ी, चार जबड़े वाली मकड़ी, थैली मकड़ी, बौनी मकड़ी, गोल मकड़ी, गोलाकार मकड़ी, कूदने वाली मकड़ी जो कूद-कूद कर फसलों के कीटों को खाती है। मकडिय़ों के अलावा फसलों के कीटों को खाने वाले पक्षी भी होते हैं जैसे तोता, मैना, चिडिय़ा इत्यादि। प्रकृति ने संतुलन बनाने के लिये ऐसे अनेकों परजीवी कीट भी बनाये हैं जो दिखाई नहीं देते पर फसलों को कीटों से बचाते हैं। यही कारण है कि रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग सावधानीपूर्वक किया जाये तो श्रम तथा अर्थ दोनों की बचत हो सके। प्रकृति से प्राप्त इन परजीवियों को पहले मौका दिया जाये फिर कुछ और किया जाये।