गांव की अर्थव्यवस्था बदलना जरूरी : श्री वीरेन्द्र सिंह
भोपाल। केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री चौधरी वीरेन्द्र सिंह ने कहा है कि गाँवों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाकर ही आदर्श ग्राम की कल्पना को साकार किया जा सकता है। इसके लिए गाँव की अर्थ-व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन लाना होंगे। श्री सिंह सांसद आदर्श ग्राम योजना के संबंध में राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शहरीकरण हर समस्या का समाधान नहीं है। गाँवों को सम्पूर्ण इकाई के रूप में विकसित करना होगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री सिंह ने कहा कि रूरबन मिशन के तहत देश में गाँवों के 300 कलस्टर विकसित किए जाएंगे। पच्चीस से पचास हजार जनसंख्या वाले इन कलस्टरों को ऐसे विकसित किया जाएगा कि इनमें सारी सुविधाएँ उपलब्ध हों। गाँव के विकास की कल्पना में केवल गाँव में मौलिक सुविधाएँ उपलब्ध करवाना नहीं बल्कि गाँव को आर्थिक तौर पर सक्षम बनाना भी है। आर्थिक रूप से सक्षम गाँव ग्रामीणों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवायेंगे। आगामी 2 अक्टूबर 2016 के पहले सभी आदर्श ग्रामों की प्राथमिकताएँ पूरी की जायेंगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुआ है। मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर और विकास दर सबसे अधिक है।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत की कल्पना बिना गाँव के नहीं की जा सकती। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना की संकल्पना इसी सोच के अनुसार की गयी है। गाँवों में शहरों जैसी अधोसंरचना स्कूल, सड़क, स्वास्थ्य, अस्पताल, पीने का पानी, बिजली आदि उपलब्ध करवाने के साथ ही वहाँ रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। पहले हर ग्राम एक सम्पूर्ण इकाई होता था। सांसद आदर्श ग्राम योजना में मेरा गाँव की भावना को जोडऩा होगा।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री श्री थावरचन्द गहलोत ने कहा कि गाँव को आदर्श बनाने का अर्थ देश को आदर्श बनाना है। किसी आदर्श ग्राम के दो पहलू है अधोसंरचना तथा सामाजिक विकास और सुरक्षा। दोनों ही पर समग्र रूप से विकास किया जाना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीताशरण शर्मा ने कहा कि भारत का विकास गाँवों के विकास के बिना नहीं हो सकता। प्रदेश में कृषि के सर्वांगीण विकास से गाँवों को आगे आने में मदद मिली है।
केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत ने कहा कि सांसद आदर्श ग्राम योजना स्वराज को सुराज में बदलने की योजना है। इसका उद्देश्य है कि आदर्श ग्राम के आसपास के दूसरे ग्राम इनसे प्रेरणा लेकर विकास करें।
प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने कहा कि गाँवों के समग्र विकास की कल्पना से मध्यप्रदेश में कार्य किया जा रहा है। प्रदेश स्मार्ट विलेज की दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रदेश के सभी ग्रामों में शत-प्रतिशत आवागमन की कनेक्टिविटी इस वर्ष पूरी कर ली जाएगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में प्रदेश में 62 हजार किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है जो देश में सबसे अधिक है।
अपर मुख्य सचिव श्रीमती अरूणा शर्मा ने कार्यशाला के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 14 वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग और स्टाम्प ड्यूटी से प्राप्त राशि के साथ मनरेगा में प्राप्त राशि का कंवर्जेंस कर ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध करवाई गई है। केन्द्रीय ग्रामीण विकास सचिव श्री जुगल किशोर महापात्र ने स्वागत भाषण देते हुए बताया कि दो दिवसीय कार्यशाला में सांसद आदर्श ग्राम योजना में ग्रामीण विकास के क्षेत्र में हुए उत्तम कार्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाएगा। यह योजना देश के 790 ग्राम में क्रियान्वित हो रही है।
कार्यक्रम में सांसद आदर्श ग्राम योजना के 101 सफल नवाचारों के संकलन और ई-बुक का विमोचन किया गया। साथ ही प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा तैयार की गई स्मार्ट ग्राम-स्मार्ट पंचायत पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। केन्द्रीय पंचायत सचिव श्री एस.एन. विजयानंद, केन्द्र से आए सांसद और कलेक्टर तथा सरपंच प्रतिनिधि शामिल थे। आभार प्रदर्शन केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त सचिव श्रीमती अपराजिता सारंगी ने किया।