राज्य कृषि समाचार (State News)

छत्तीसगढ़ में मुर्गीपालन व मशरूम उत्पादन कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर

11 जनवरी 2024, धमतरी: छत्तीसगढ़ में मुर्गीपालन व मशरूम उत्पादन कर महिलाएं हो रही आत्मनिर्भर – छत्तीसगढ़ राज्य में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत धमतरी जिले के चारों विकासखण्डों में आयोजित संकल्प शिविरों में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बारिकी से जानकारी ले रहे हैं और इन योजनाओं से लाभान्वित हितग्राही उपस्थित ग्रामीणों को अपनी कहानी, अपनी जुबानी सुनाकर उन्हें योजनाओं का लाभ लेने के लिये प्रेरित भी कर रहे हैं।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से लाभान्वित हितग्राही धमतरी विकासखण्ड के ग्राम सारंगपुरी की श्रीमती नेमा सोनवानी ने भी अपनी कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2017 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्व सहायता समूह से जुड़ीं। इसके बाद उन्होंने स्वरोजगार करने की मंशा से समूह से 60 हजार रूपये का ऋण लिया तथा मुर्गीपालन करने लगीं।

मर्गीपालन से महिला किसान नेमा की आय में हुई वृद्धि

नेमा बतातीं हैं कि घर का काम करते-करते उन्होंने मुर्गीपालन किया, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया। मुर्गी पालन से मिली राशि से वे ऋण चुकाने लगीं और घर के खर्च के बाद बची राशि को जमा करने लगीं। इसके बाद नेमा गांव में गठित उत्पादक समूह से जुड़कर मशरूम उत्पादन का कार्य भी करने लगीं। मुर्गीपालन और मशरूम उत्पादन से अब नेमा की आमदनी और बढ़ गई।

अन्य महिलाओं को भी कर रही प्रेरित

नेमा कहतीं हैं कि घर की आर्थिक स्थिति सुधरने के बाद बच्चों को अच्छी शिक्षा तो दे ही रहीं हैं साथ ही परिवार का भी सहयोग कर रहीं हैं। नेमा खुद अपने पैरों पर खड़े होकर अन्य महिलाओं को भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ने के लिये प्रेरित कर रहीं हैं, ताकि उसकी तरह अन्य महिलायें भी अपने पैरों में खड़े होकर अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत करे। इन सब कार्यों के अलावा नेमा पशु सखी का कार्य भी बखूबी निभा रहीं हैं। वे गांव के पशुपालकों को पशुओं में होने वाली बीमारियों की जानकारी दे रहीं हैं और उसके उपचार का हल भी बता रहीं हैं।

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