राज्य कृषि समाचार (State News)

बीटी बैंगन के जीएम परीक्षण की अनुमति नहीं देने का ज्ञापन सौंपा

21 अगस्त 2020, इंदौर। बीटी बैंगन के जीएम परीक्षण की अनुमति नहीं देने का ज्ञापन सौंपा भारतीय किसान संघ, म.प्र. द्वारा गत दिनों प्रदेश में बीटी बैंगन के जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) परीक्षण के लिए राज्य में अनुमति नहीं देने की मांग को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन गत दिनों राज्य के सभी जिलों में एक साथ दिया गया। ज्ञापन में जीएम परीक्षण के दुष्परिणामों का जिक्र कर अनुमति नहीं देने की मांग की गई है, अन्यथा चरणबद्ध विरोध की चेतावनी दी गई है। ज्ञापन की प्रतिलिपियाँ प्रधानमंत्री, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री को भी भेजी गई है।

उल्लेखनीय है कि भारत सरकार की जेनेटिक इंजीनियरिंग मूल्यांकन समिति (जीईएसी) द्वारा हाल ही में मप्र में बीटी बैंगन की जीएम फसल के द्वितीय परीक्षण मप्र में करने की अनुमति दी है। इस एकतरफा निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए भारतीय किसान संघ द्वारा गत 30 जुलाई को प्रदेश के सभी जिलों में एक साथ ज्ञापन सौंपा गया। इंदौर भाकिसं के जिला अध्यक्ष श्री कृष्णपाल सिंह राठौर, प्रांत कोषाध्यक्ष श्री लक्ष्मीनारायण पटेल, प्रांत जैविक प्रमुख श्री आनंद सिंह ठाकुर और सांवेर तहसील अध्यक्ष श्री महेश राठौर द्वारा कलेक्टर इंदौर श्री मनीष सिंह को ज्ञापन दिया गया।

इस बारे में भाकिसं के इंदौर जिला अध्यक्ष श्री कृष्णपाल सिंह राठौर ने ज्ञापन में उल्लेखित बिंदुओं का जिक्र करते हुए कृषक जगत को बताया कि बीटी बैंगन सहित जीएम फसलों के क्षेत्र परीक्षणों से संबंधित घटनाओं से सभी परिचित हैं। पर्यावरण प्रदूषण, जैव विविधता को खतरा, पशु एवं मानव स्वास्थ्य, उत्पादकता, बाज़ार एकाधिकार जैसे कई गंभीर मुद्दे हैं, जिन्हें जीएम फसलों के ऐसे परीक्षणों की अनुमति देने से पहले जानने एवं इनका विश्लेषण करने की जरूरत है।

दशकों से सभी हितधारकों की आपत्तियों का अभी तक संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया है। इसे लेकर कई प्रतिष्ठित संस्थाओं, संसदीय स्थायी समिति, सर्वोच्च न्यायालय, तकनीकी विशेषज्ञ समिति, वैज्ञानिकों और कृषि अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है। कई राज्यों ने जीएम खाद्य फसलों/परीक्षणों पर प्रतिबंध लगा दिया है। श्री राठौर ने कहा कि बीटी कॉटन प्रौद्योगिकी की विफलता और खरपतवारनाशी रोधी कपास और सोयाबीन के अवैध प्रचार के कारण जीईएसी पहले से ही संदेह के घेरे में है। ऐसे कोरोना महामारी के बीच बीटी बैंगन के जीएम परीक्षण की अनुमति देना उचित नहीं है। हम इसका विरोध करते हैं। मुख्यमंत्री से आग्रह है कि जीईएसी सहित अन्य एजेंसी को जीएम फसलों के परीक्षण हेतु स्पष्ट मना कर दे। यदि विरोध के बावजूद बीटी बैंगन के जीएम परीक्षण की अनुमति दी गई तो भाकिसं चरणबद्ध तरीके से प्रदेश/देश में विरोध करेगा।

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