राज्य कृषि समाचार (State News)

जैविक उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार निरंतर प्रयासरत

कृषि मंत्री ने किसान सम्मेलन में प्रतिभाओं को सम्मानित किया

23 अगस्त 2022, जयपुर: जैविक उत्पादन से किसानों की आय बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार निरंतर प्रयासरत – कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि जैविक कृषि उत्पादन के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। जैविक खेती करने वाले किसानों को उनकी फसल का 20 प्रतिशत एमएसपी अधिक दिलाने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। इसके अलावा प्रदेश को पूर्ण जैविक राज्य बनाने तथा गोपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। श्री कटारिया शनिवार को यहां श्री पिंजारापोल गोशाला परिसर के सुरभि भवन में भारतीय जैविक किसान उत्पादक संघ के सौजन्य में आयोजित राष्ट्रीय किसान सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

श्री कटारिया ने कहा कि एक जमाना था, जब घर में पहली रोटी गाय के लिए बनती थी। वर्तमान में परिस्थितियां बदली हैं, हमें फिर से अपनी पुरानी परंपराओं की तरफ लौटना पड़ेगा तभी हम सब बच पाएंगे। उन्होंने कहा कि हमें जैविक खेती को एक अभियान के रूप में लेना होगा। राजस्थान में पानी की कमी है, लेकिन सरकार ने डिग्गी एवं फार्म पौंड बनाने के लिए किसानों को अनुदान देकर प्रोत्साहित किया है। यही कारण है कि अधिकतर खेतों में डिग्गी और फार्म पौंड बने हुए हैं। किसान अतिरिक्त पानी उनमें इकट्ठा कर जरूरत होने पर सिंचाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान जमाना तकनीक का है। किसानों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से कार्य करने की जरूरत है क्योंकि किसान की जोत सीमित हो गई है, इसलिए तकनीक से यदि कार्य किया जाएगा तो निःसंदेह उत्पादन और उत्पादकता दोनों बढ़ेगी। सरकार किसान को उसकी लागत का पैसा देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। इसके अलावा हर किसान को राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए ताकि उसे समय पर सहायता मिल सके। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार पूरा सहयोग करेगी।

गाय के गोबर से बनी चूड़ियां लांच की

उन्होंने इस दौरान गाय के गोबर से बनी चूड़ियां भी लांच की। ओएफपीएआई की ओर से देश में पहली बार गाय के गोबर से बनाई गई इन चूड़ियों में लाख के साथ 40 फीसदी गाय का गोबर इस्तेमाल किया गया है। इसे शीघ्र ही बिक्री के लिए बाजार में उतारा जाएगा।

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श्री कटारिया एवं अन्य अतिथियों ने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 68 लोगों को सम्मानित किया। समारोह में प्रोफेसर डॉ. महेश चंद्र, डॉ. अरूणचंदन, पत्रकारिता में डॉ. महेंद्र मधुप, प्रो. डॉ. विष्णु शर्मा, श्री ताराचंद बेलजी, श्री जगदीश लाल सैनी, श्री मुकेश अग्रवाल, श्री कैलाश चौधरी व श्री मिथिलेश जैमिनी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। इसी तरह 13 नवाचारी किसानों को जैविक किसान अवार्ड तथा कृषि पत्रकारों को सनराइज जर्नलिज्म अवार्ड से नवाजा गया। इसके अलावा विभिन्न लोगों को इंटरप्रिन्योर अवार्ड, रिसर्च सांइटिस्ट अवार्ड, वुमन सोशल एक्टिविस्ट अवार्ड, एग्रो डिजायनर अवार्ड देकर सम्मानित किया गया। इसके अलावा प्रदेश की पांच गोशालाओं को गोशाला गौरव पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया।

समारोह में रेगिस्तानी पौधे को पूरे जीवन काल में 1 लीटर पानी से पनपाने की तकनीक विकसित करने वाले नवाचारी किसान वैज्ञानिक व पद्मश्री से अलंकृत श्री सुंडाराम वर्मा, जैविक कृषि पर आधारित सब्जियों में प्रति पौधे से प्राप्त उत्पादन का विश्व रिकॉर्ड स्थापित कर देश का नाम रोशन करने वाले पदमश्री श्री जगदीश प्रसाद पारीक, नेशनल मेडिशनल प्लांट्स बोर्ड के रीजनल डायरेक्टर नॉर्थन रीजन-प्रथम डॉ. अरूणचंदन व बोर्ड के सदस्य डॉ. राजाराम त्रिपाठी, राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ वेटेनरी एंड एनिमल सांइसेज बीकानेर के पूर्व कुलपति डॉ. विष्णु शर्मा, पदमश्री श्री हुकमचंद पाटीदार, जैविक खेती के लिए देशभर में साइकिल पर भ्रमण के लिए निकले सोनीपत (हरियाणा) के नीरज प्रजापति भी मौजूद रहे।

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