राज्य कृषि समाचार (State News)

दलहन उत्पादन की नई पहल

विगत 15-16 सितम्बर 2016 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रीय कृषि सम्मेलन कृषि अभियान 2016-17 का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में कृषि संबंधित आठ विषयों पर समानान्तर विचार-विमर्श किया गया। इनमें से एक विषय दलहन उत्पादन में वृद्धि के लिये दिशा-निर्देश भी था। दलहन के मामले में भारत विश्व के सबसे बढ़े उत्पादक तथा उपभोक्ता के साथ-साथ सबसे बड़ा आयातक भी बन गया है। भारत औसतन 245.8 लाख हेक्टर में दलहन की खेती करता है जिसमें वह 180.2 लाख टन दालें उत्पादित करता है। इसमें से एक तिहाई उत्पादन खरीफ दलहनों तथा 2 तिहाई उत्पादन रबी दलहनों का होता है। मध्यप्रदेश, राजस्थान तथा छत्तीसगढ़ भी प्रमुख दलहन उत्पादक प्रदेशों में सम्मिलित है।
वर्ष 2016-17 के लिए भारत सरकार ने 207.5 लाख टन दलहन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। जिसमें खरीफ दलहनों  का यह लक्ष्य 72.5 लाख टन तथा 135.0 लाख टन रबी दलहनों का रखा गया है। खरीफ दलहनों के उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में अच्छी वर्षा तथा दलहनी फसलों के क्षेत्र में पिछले वर्ष 2015 की तुलना में 35.6 लाख हेक्टर क्षेत्र की वृद्धि का भी बड़ा योगदान होगा। खरीफ दलहनी फसलों में अरहर, मूंग तथा उड़द प्रमुख है और यह खरीफ दलहनों के 84 प्रतिशत क्षेत्र में ली जाती है। खरीफ दलहनी फसलों के 82.2 लाख टन के उत्पादन का अनुमान है जो लक्ष्य से लगभग 9.7 लाख टन अधिक है। यह एक शुभ संकेत है। इस कारण अब रबी फसलों का लक्ष्य जो पूर्व में 135.0 लाख टन था को बढ़ाकर अब 144.1 लाख टन कर दिया गया है। मध्यप्रदेश के लिये लक्ष्य जो पहले 40.41 लाख हेक्टर का था अब बढ़ाकर 44.30 लाख हेक्टर कर दिया गया है। इस प्रकार राजस्थान का लक्ष्य 15.83 से बढ़ाकर 17.41 लाख हेक्टर तथा छत्तीसगढ़ का लक्ष्य 6.59 से बढ़ाकर 7.06 लाख हेक्टर कर दिया गया है।
सभी दलहन उत्पादक प्रदेशों में इस लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए यथासंभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें दलहनों की नई जातियों के 7.85 लाख मिनिकिट किसानों को बिना मूल्य राज्य सरकारों के माध्यम से बांटे जायेंगे ताकि नई जातियों का तेजी से विस्तार हो सके। किसानों को दलहनी फसलों की उन्नत तकनीक समझाने के लिये 31000 हेक्टर क्षेत्र में 534 कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से प्रदर्शन डाले जाने का भी प्रावधान रखा गया है। किसानों को अच्छा गुणवत्ता वाला बीज मिले इसके लिये 22 प्रदेशों में 100 बीज केन्द्र कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि विज्ञान केन्द्रों में खोले जायेंगे। प्रत्येक बीज केन्द्र में 1000 क्विंटल उन्नत बीज के उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। आशा है इस प्रावधानों  का कार्यान्वयन समय पर तथा पूरी ईमानदारी के साथ होगा और दलहन उत्पादन किसानों को सरकार के इन प्रयासों का लाभ मिलेगा ताकि दलहन उत्पादन में वह अपना योगदान देकर वह देश को सबसे बड़े आयातक की जगह सबसे बड़े निर्यातक की श्रेणी में ला सके।

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