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कृषि ड्रोन की बढ़ती मांग ने बढ़ाया उत्साह

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28 नवम्बर 2023, इंदौर: कृषि ड्रोन की बढ़ती मांग ने बढ़ाया उत्साह – जब से देश में कृषि ड्रोन का उपयोग होने लगा है , तब से इसने किसानों का काम आसान कर दिया है। अब कीटनाशकों एवं तरल उर्वरक जैसे  नैनो डीएपी , नैनो यूरिया आदि का  छिड़काव  आसान हो गया  है। अब घंटों का काम मिनटों में हो रहा है। कृषि ड्रोन के उपयोग से किसानों की लागत में कमी के साथ फसलों का नुकसान भी कम होने लगा है।  यही कारण है कि इन दिनों कृषि ड्रोन की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। इसीलिए कृषि ड्रोन संचालित  करने वाली कंपनियों को बड़ी संख्या में प्रशिक्षित वैध ड्रोन पायलटों की आवश्यकता महसूस हो रही है।

 इस समय देश में  बड़ी संख्या में ड्रोन  का उपयोग किया जा रहा है , जिनके 2026 तक बढ़कर 6 लाख के पार होने की संभावना है। इसीसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह बाजार कितनी तेजी से बढ़ रहा है। कृषि ड्रोन की बढ़ती मांग से कृषकों के अलावा निर्माता और किराए से ड्रोन उपलब्ध करवाने वाले भी उत्साहित  हैं।  किसानों में ड्रोन पायलट बनने के प्रति रुझान बढ़ा है , क्योंकि सरकार ड्रोन खरीदने के अलावा इसके प्रशिक्षण में भी अनुदान दे रही है। प्रशिक्षित पायलट के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार भी मिलेगा, क्योंकि हर ड्रोन के लिए प्रशिक्षित  पायलट होना अनिवार्य है। कई राज्यों में चयनित  व्यक्तियों को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा रहा है , इसमें मध्यप्रदेश भी शामिल  है। किसान ड्रोन प्रशिक्षण का कार्यक्रम भोपाल रिमोट पायलट ट्रेनिंग ऑर्गेनाइजेशन (आरपीटीओ ) में संचालित किया जाता है।

उल्लेखनीय है कि 10 लीटर टैंक क्षमता के कृषि ड्रोन की कीमत  फिलहाल 6 से 10 लाख रुपये है। लेकिन इसके महंगे होने के कारण अधिकांश किसान कृषि ड्रोन को किराये पर ले रहे हैं , जिसकी प्रति एकड़ 500 से 900 रुपये की लागत आती है। ड्रोन से समय की बचत के अलावा इसके प्रयोग से  कीटनाशकों और तरल उर्वरकों के छिड़काव से  फसलों  की  क्षमता भी बढ़ जाती है। इसीलिए किसानों की ड्रोन के प्रति रूचि बढ़ती जा रही है। इसीलिए मध्य प्रदेश में कुल 6 किसान ड्रोन निर्माता  कंपनियों वॉव गो ग्रीन एलएलपी ,दक्ष अनमैन्ड सिस्टम्स प्रा. लि.,गरुड़ एयरोस्पेस प्रा. लि.,मारुत ड्रोन टेक प्रा. लि.,नेपच्यून एयरोटेक प्रा. लि. और आईओ टेक वर्ल्ड एविगेशन प्रा. लि.को पंजीकृत किया गया है।

कृषि ड्रोन पर अनुदान की पात्रता – कृषि ड्रोन की खरीद के लिये योजना के तहत अलग–अलग वर्गों एवं संस्थाओं को अलग–अलग अनुदान दिया जाएगा। किसान ड्रोन को क्रय करने पर निम्नानुसार अनुदान प्राप्त करने की पात्रता निर्धारित की गई है – व्यक्तिगत श्रेणी के अंतर्गत लघु, सीमांत, महिला, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के कृषकों हेतु यंत्र की कीमत का 50 प्रतिशत अधिकतम राशि 5,00,000 /- रुपए। व्यक्तिगत श्रेणी के अंतर्गत अन्य वर्ग के कृषकों एवं कस्टम हायरिंग केन्द्र के संचालकों हेतु यंत्र की कीमत का 40 प्रतिशत अधिकतम राशि 4,00,000 /- रुपए और  कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) हेतु यंत्र की कीमत का 75 प्रतिशत अधिकतम राशि 7,50,000 /- रुपए निर्धारित किया गया है।

ड्रोन प्रशिक्षण प्रक्रिया – भारत सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन संचालन हेतु ड्रोन पायलट के वैध लायसेंस लेना अनिवार्य है, जिन व्यक्तियों के पास अभी लायसेंस नहीं है, वह प्रशिक्षण के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। अनुदान योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत श्रेणी के कृषक / कस्टम हायरिंग केन्द्र संचालक / कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ ) श्रेणियों के अंतर्गत इच्छुक कृषक / केन्द्र संचालक / संस्था आवेदन  के पात्र हैं।   जिन आवेदकों अथवा उनके प्रतिनिधियों के पास ड्रोन पायलट के वैध लायसेंस नहीं है तथा यदि वे प्रशिक्षण प्राप्त कर इसे लेना चाहते हैं, तो उन्हें विभागीय प्रशिक्षण केन्द्र में ड्रोन पायलट लायसेंस प्राप्त करने का अवसर  मिलेगा ।  इच्छुक व्यक्ति जो ड्रोन पायलट के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें प्रशिक्षण शुल्क 30,000 रुपये (जीएसटी अतिरिक्त) का शुल्क देना होगा। उपरोक्त शुल्क में से 50 प्रतिशत अधिकतम 15,000 रुपए एवं जीएसटी अभ्यर्थी को वहन करना होगा तथा शेष 50 प्रतिशत राशि शासन द्वारा वहन की जाएगी। उपरोक्त आवासीय प्रशिक्षण 07 दिवसीय (5 दिवसीय डीजीसीए द्वारा निर्धारित प्रशिक्षण एवं 2 दिवसीय किसान ड्रोन संचालन) हेतु आवास एवं भोजन की व्यवस्था निशुल्क रहेगी। जो आवेदक / प्रतिनिधि उपरोक्त प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं वे अपना ऑनलाइन आवेदन www.mpdage.org  पर जाकर कौशल विकास का चयन कर अपनी जानकारी एवं अभिलेख अपलोड कर सकते हैं। प्रशिक्षण में उत्तीर्ण होने पर चयनित आवेदकों अथवा उनके प्रतिनिधियों को अनुदान पर किसान ड्रोन  खरीदने की पात्रता होगी।

श्री एमडी डैनी , कृषि यंत्री  (प्रभारी ) कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय ,भोपाल ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों से सब्सिडी पर कृषि ड्रोन पाने के लिए कई किसानों द्वारा आवेदन किए हैं । लेकिन चुनाव आचार संहिता के चलते  फ़िलहाल आवेदन प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है। जब यह प्रक्रिया पुनः शुरू होगी तो आवेदन के साथ धरोहर राशि 5,000 /- रुपए का डिमाण्ड ड्राफ्ट एवं ड्रोन पायलट के वैध लायसेंस अपलोड करना अनिवार्य होगा।


श्री राजीव चौधरी, संचालक, कृषि अभियांत्रिकी, भोपाल 
ने कृषक जगत को बताया कि अब तक 65 व्यक्तियों को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। 3  दिसंबर के बाद यह प्रशिक्षण पुनः शुरू किया जाएगा।  इसके अलावा इंदौर में भी ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण केंद्र शीघ्र आरम्भ होगा। ड्रोन पायलट के लिए अब पासपोर्ट की अनिवार्यता नहीं रहने से सामान्य व्यक्ति भी इस प्रशिक्षण में शामिल हो सकेंगे। मध्य प्रदेश में कुल 6 किसान ड्रोन निर्माता कंपनियां पंजीकृत हुई हैं।

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