प्रायवेट डीलरों के प्रति सरकारी रवैया नकारात्मक
निजी उर्वरक विक्रेताओं के प्रति सरकार का रवैया नकारात्मक है, इस दिशा में सरकार-प्रशासन पूर्वाग्रह से ग्रस्त है। संभवत: निजी क्षेत्र व शासन, प्रशासन के मध्य संवाद की कमी से ऐसा हो रहा है इसी कमी को दूर करने के लिए एक मंच के रूप में म.प्र. उर्वरक विक्रेता संघ का गठन किया गया है। सरकार सहकारी संस्था को बढ़ावा देकर निजी क्षेत्र को खत्म करना चाहती है जिसका उचित तरीके से विरोध किया जायेगा। श्री मानसिंह राजपूत अध्यक्ष म.प्र. उर्वरक विक्रेता संघ ने कृषक जगत को बताया कि वर्तमान में यूरिया उपलब्धता में जो सहकारी एवं निजी क्षेत्र में 80:20 का अनुपात चल रहा है उसके विरोध में सभी विक्रेता एकजुट हैं। इस संबंध में कृषि मंत्री, कृषि सचिव व कृषि संचालक से मिलकर चर्चा हुई है तथा इन्होंने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है। आगामी 7 सितम्बर को राज्य सरकार की यूरिया नीति के विरोध में जिला स्तर पर सभी उर्वरक विक्रेता अपना व्यवसाय बंद रखेंगे तथा कलेक्टर व उपसंचालक कृषि को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन सौंपेंगे।
इसके पूर्व विगत दिनों सीहोर में म.प्र. के रसायनिक उर्वरक विक्रेताओं का एक वृहद सम्मेलन श्री मानसिंह राजपूत की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ, जिसमें म.प्र. के विभिन्न जिलों से करीब 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में उज्जैन जिला खाद बीज दवाई विक्रेता संघ के महासचिव श्री केदार बंसल ने उज्जैन में मुख्यमंत्री को दिये गये ज्ञापन का वाचन किया, जिसमें मुख्यमंत्री से मांग की है कि सोसायटी तथा निजी क्षेत्र में यूरिया का प्रतिशत 50-50 किया जावे, इससे छोटे किसानों को भी यूरिया सुगमता से मिल सकेगा।
सम्मेलन में उपस्थित व्यापारी बंधुओं ने सर्व-सम्मति से म.प्र. उर्वरक संघ के संचालन के लिये पदाधिकारियों का चुनाव किया, जिसमें अध्यक्ष भोपाल के श्री मानसिंह राजपूत, सचिव सीहोर के श्री कमलेश त्यागी कोषाध्यक्ष सीहोर के श्री शरद अग्रवाल, महासचिव उज्जैन के श्री केदार बंसल, उपाध्यक्ष के रूप में सीहोर के श्री अनिल अग्रवाल, तराना के श्री ओमप्रकाश पलोड़, सागर के श्री प्रदीप जैन तथा इंदौर से आर.के. जैन को निर्वाचित किया गया। सह सचिव के पद पर श्री मनीष जैन गावडी उज्जैन, श्री विनोद राठी इच्छावर, श्री प्रमोद सुराणा आष्टा का निर्वाचन हुआ। अंत में नव निर्वाचित अध्यक्ष श्री मानसिंह राजपूत ने उर्वरक व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हम मुख्यमंत्री से मांग करेंगे कि यूरिया का यह रेशो 50-50 प्रतिशत किया जावे। कार्यक्रम का सफल संचालन श्री आर.के. जैन ने किया तथा आभार श्री कमलेश त्यागी ने माना।