किसानों को दी डीएपी की जगह एनपीके उर्वरक के उपयोग की सलाह
22 अक्टूबर 2024, जबलपुर: किसानों को दी डीएपी की जगह एनपीके उर्वरक के उपयोग की सलाह – कृषि विभाग द्वारा किसानों को रबी फसलों का अच्छा उत्पादन के लिए डीएपी के स्थान पर एन.पी.के उर्वरक का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
कृषि विभाग द्वारा किसानों को एनपीके उर्वरक का उपयोग करने के सम्बन्ध में जरूरी जानकारी भी प्रदान की गई है। किसानों को बताया गया है कि एनपीके ग्रेड के उर्वरक अपेक्षाकृत डी.ए.पी. से सस्ते और अच्छे उर्वरक होते हैं। इनमें नाईट्रोजन, फॉस्फोरस एवं पोटाश जैसे मुख्य पोषक तत्वों का समावेश होता है। यह उर्वरक डबल लॉक केन्द्रों, समितियों एवं पंजीकृत कृषि आदान विक्रेताओं के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। उपसंचालक कृषि डॉ एस के निगम ने किसानों से फसलों में एक ही तरह के उर्वरकों का उपयोग न करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि किसानों को समन्वित प्रबंधन में गोबर एवं केंचुए की खाद के साथ अनुशंसित मात्रा में फसलों के अनुरूप एन.पी.के. उर्वरकों उपयोग करना चाहिए। संतुलित उर्वरकों के उपयोग से उत्पादन की लागत में कमी होती है, उत्पादकता में वृद्धि होती है और भूमि, जल एवं पर्यावरण भी सुरक्षित रहते हैं।
उप संचालक कृषि ने बताया कि किसानों को एन.पी.के. उर्वरक का उपयोग फसलों की बोनी के समय नाइट्रोजन की एक चौथाई मात्रा तथा फास्फोरस एवं पोटाश की संपूर्ण मात्रा के साथ आधार उर्वरक के रूप में करना चाहिए। आवश्यकता से अधिक उर्वरक का प्रयोग किसी भी हालत में नहीं करना चाहिए। यह फसल की लागत बढाने के साथ-साथ मिट्टी एवं पानी की दशा भी खराब करते हैं तथा फसलों में कीड़ों और बीमारियों को बढ़ावा देते हैं। जिसे नियंत्रित करने के लिए किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। एन.पी.के. के प्रयोग से फसलों में पोटाश की मात्रा बिना अतिरिक्त पैसे खर्च किये प्राप्त होती है। साथ ही बीजों में चमक एवं वजन और उत्पादन की गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है और उत्पादन का बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त होता है।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: