भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने 38वां स्थापना दिवस मनाया
12 दिसंबर 2024, इंदौर: भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर ने 38वां स्थापना दिवस मनाया – भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर का 38वां स्थापना दिवस (11 दिसंबर )डॉ मेजर सिंह, सदस्य, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया । इस मौके पर संस्थान के निदेशक डॉ के. एच. सिंह, भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक डॉ आर के माथुर, सोपा के निदेशक डॉ. डी एन पाठक एवं संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ वी.एस. भाटिया मौजूद थे। स्थापना दिवस पर संस्थान की पत्रिकाओं के विमोचन के अलावा प्रगतिशील सोया कृषकों एवं संस्थान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों को सम्मानित किया गया।
उत्तर पूर्वी भारत में सोयाबीन परीक्षण – डॉ मेजर सिंह ने कहा कि उत्तर पूर्वी भारत में सोयाबीन की 13 किस्मों के साथ परीक्षण लगाये थे, जिसमें पाया कि सोयाबीन उस क्षेत्र के लिए बहुत ही उपयुक्त फसल होने के साथ उसकी अपार संभावना है। आपने प्राकृतिक एवं जैविक खेती के लिए उपयुक्त किस्मों के विकास पर जोर देते हुए सोयाबीन और उसके अन्य उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर छोटे वीडियो बनाकर डालने की सलाह दी और महाराष्ट्र में सोयाबीन-प्याज फसल प्रणाली के बारे में भी बताया
उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत – डॉ सिंह ने संस्थान की उपलब्धियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि अखिल भारतीय समन्वित सोयाबीन अनुसंधान परियोजना के अंतर्गत चार किस्मों का विकास किया गया है, जिसमें भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान की एन.आर.सी 197, एन.आर.सी 149, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर से विकसित जे.एस. 23-03 एवं जे.एस. 23-09 तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर केंद्र द्वारा विकसित आर.एस.सी. 11-42 शामिल है। उन्होंने संस्थान के तीनों प्रभागों की उपलब्धियों पर संक्षिप्त में प्रकाश डालते हुए नई पहलों जैसे आई.सी.ए.आर- जीनोम एडिटिंग प्रोजेक्ट, ग्राम मेमदी को आदर्श ग्राम अपनाना,सोयाबीन-गेहूं फसल प्रणाली में जल्दी और मध्यम अवधि वाली सोयाबीन किस्मों के प्रदर्शन, हाल ही में विकसित आधारभूत संरचनाओं मंडप परिसर, सोयाबीन की आर.ए.बी बीमारी का सिक प्लाट, जीनोम एडिटिंग लैब आदि की जानकारी दी। डॉ पाठक ने सोयाबीन का रकबा बढ़ाने के लिए संस्थान द्वारा निर्मित जी.आई. एस मैप की काफी सराहना की, वहीं डॉ माथुर द्वारा संस्थान के सोशल मीडिया चैनल्स और आदर्श ग्राम मेमदी की बहुत सराहना करते हुए ए.बी.आई केंद्र की पहुँच को इसके हितग्राहियों तक पहुंचाने पर जोर दिया और सोयाबीन को अन्य फसलों के साथ अंतरवर्ती फसल प्रणालियों को बढ़ावा देने की सलाह दी।
किसानों और कर्मचारियों का सम्मान – सोयाबीन की उन्नत उत्पादन तकनीक के प्रचार-प्रसार हेतु विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत वर्ष 2024 के खरीफ मौसम में लगाए गए प्रदर्शनों में अधिकाधिक उत्पादन प्राप्त करने वाले प्रगतिशील सोया कृषकों श्री किशोर पाटिल, सिरपुर जिला बुरहानपुर, ग्राम हातोद (इंदौर ) के श्री दिलीप खेर, मेमदी ( इंदौर ) श्री भीमसिंह केलवा एवं श्री घनश्याम केलवा एवं खरगोन जिले के श्री भीम सिंह चौहान को सोया कृषक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वहीं संस्थान में वर्ष 2023-24 के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मचारियों डॉ राकेश कुमार वर्मा,सुश्री प्रियंका सावन,डॉ अनीता रानी,डॉ विनीत कुमार,डॉ संजय गुप्ता,उत्कृष्ट शोध पत्र हेतु डॉ महावीर प्रसाद शर्मा, डॉ ज्ञानेश कुमार सातपुते, कुशल सहायक श्रेणी में श्रीमती फुलकी बाई एवं श्रीमती रुमली बाई को विशिष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जबकि तकनीकी कर्मचारी श्री संजय कुमार पाण्डेय, श्री फ्रांसिस युनिस, श्री बिलबर सिंह तथा श्रमिक वर्ग की श्रीमती चुनकी बाई को उनकी सेवानिवृत्ति पर सम्मानित किया गया। इस मौके पर संस्थान की राजभाषा पत्रिका ‘सोयवृत्तिका ‘, ‘सोयाबीन की उन्नत खेती एवं तकनीकी अनुशंसाएं ‘ एवं तकनीकी बुलेटिन ‘सोयाबीन कृषकों के लिए सलाह’, का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री प्रियंका सावन ने किया एवं आभार प्रदर्शन आयोजन सचिव डॉ बी. यू. दुपारे, प्रधान वैज्ञानिक ने किया।
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