श्रमिकों के लिए नए कल्याणकारी कदम, मध्यप्रदेश में शुरू होंगी कई योजनाएँ
19 अक्टूबर 2024, भोपाल: श्रमिकों के लिए नए कल्याणकारी कदम, मध्यप्रदेश में शुरू होंगी कई योजनाएँ – मध्यप्रदेश के श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने श्रम विभाग की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में श्रमिकों के लिए 5 आदर्श श्रम केंद्र विकसित किए जा रहे हैं, जो उज्जैन, पीथमपुर, भोपाल, जबलपुर और सतना में स्थापित होंगे। श्रमोदय आईटीआई के अंतर्गत खासकर सिविल इंजीनियरिंग असिस्टेंट, तकनीशियन मैकाट्रोनिक्स, और एडवांस सीएनसी मशीनिंग ट्रेड्स प्रदेश में सिर्फ इन्हीं आईटीआई में संचालित किए जा रहे हैं।
श्रम कल्याण योजनाओं का विस्तार
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि “अंतिम संस्कार सहायता योजना” और “अनुग्रह सहायता योजना” का दायरा बढ़ाया गया है। अब इन योजनाओं का लाभ केवल श्रमिकों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उनके परिवार के सदस्य—पत्नि, पुत्र-पुत्री और माता-पिता—भी इसके दायरे में आएंगे। इसके अलावा, दिव्यांग श्रमिकों के लिए इस साल 50 इलेक्ट्रिक वाहन वितरित किए जाएंगे।
मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए “स्कूल छात्रवृत्ति योजना 2024” शुरू की गई है, जिसके अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों को 2300 रुपये प्रति वर्ष तक की छात्रवृत्ति मिलेगी। इसके साथ ही “इलेक्ट्रिक स्कूटर अनुदान योजना 2024” और “दिव्यांग सहायता अनुदान योजना 2024” की शुरुआत भी की गई है, जिसमें श्रमिकों को इलेक्ट्रिक स्कूटर और दिव्यांगजन हेतु उपकरण खरीदने के लिए अनुदान प्रदान किया जाएगा।
श्रमिकों के लिए आवास और औजार खरीदी योजनाएं
मंत्री श्री पटेल ने बताया कि “श्रमिक ग्रामीण आवास योजना 2024” के तहत श्रमिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत आवास आवंटित होने पर 50,000 रुपये की अनुदान राशि मिलेगी। इसके अलावा, “औजार/उपकरण खरीदी योजना 2024” के तहत श्रमिकों को औजार खरीदने के लिए 10,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
श्रमिक विश्राम गृह और आवासीय विद्यालय
प्रदेश के 16 नगर निगमों में 100 बिस्तर वाले श्रमिक विश्राम गृहों का निर्माण किया जा रहा है, जिनकी कुल लागत 6.10 करोड़ रुपये होगी। यहां श्रमिकों के ठहरने और भोजन की व्यवस्था रियायती दरों पर होगी। इसके साथ ही, 5 नए श्रमोदय आवासीय विद्यालय सागर, रीवा, उज्जैन, शहडोल और बालाघाट में स्थापित किए जाएंगे, जिनकी निर्माण लागत 310 करोड़ रुपये है। इन विद्यालयों के संचालन पर हर साल 50 करोड़ रुपये का व्यय होगा।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: