State News (राज्य कृषि समाचार)

अलसी के रेशे से कपड़ा बनाना सीख रहे हैं किसान एवं महिलाएं

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28 सितम्बर 2023, रायपुर: अलसी के रेशे से कपड़ा बनाना सीख रहे हैं किसान एवं महिलाएं – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रेवेन्द्र सिंह वर्मा कृषि महाविद्यालय, बेमेतरा में ‘‘अलसी के रेशे से धागाकरण प्रशिक्षण ’’ का शुभारंभ कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. चंदेल ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कृषि उच्च शिक्षा परियोजना तथा उपरियोजना वेस्ट टू वेल्थ के अंतर्गत परियोजना लिनेन फ्राम लिनसीड स्टाक के प्रयोगशाला भवन का लोकार्पण भी किया। कुलपति ने कहा कि इस परियोजना में विकसित अलसी के डंठल से कपडा बनाने की तकनीक को व्यापक और  सुगम बनाया  जाए और साथ ही इससे महिलाओं एवं किसानों की आय में वृद्धि भी हो। डॉ. चंदेल ने वैज्ञानिकों को सुझाव दिया कि अलसी के रेशे के साथ-साथ अन्य प्रचलित रेशा को मिलाकर कपडा बनाने की तकनीक विकसित कर करें।

इस परियोजना में  ग्रामीण महिलायों को धागा एवं कपडा बनाने का प्रशिक्षण जिला खनिज संस्थान न्यास बेमेतरा के वित्तीय सहयोग से दिया जा रहा है। प्रशिक्षित महिलाओं को धागा बनाने का चरखा प्रदान किया जायेगा, जिससे ये महिलायें संस्था से अलसी का रेशा लेकर अपने-अपने घर में धागा बनाने का काम करेंगी। महिलाओं  द्वारा बनाये  धागे को संस्था द्वारा एक हजार रुपये प्रति किलो की दर से ख़रीदा  जाएगा। महिलाओं को संस्था के मानक के अनुसार धागा तैयार कर देना होगा। इसमें महिलाओ को धागा बनाने के लिये अधिकतम मात्रा तय नहीं की गई है। इस तरह से प्रत्येक महिला तीन से चार हजार रुपये प्रति माह अपने घरेलू काम के साथ  कमा सकती हैं । कार्यक्रम में अधिष्ठाता डॉ. आर.एन. सिंह, नोडल आफिसर डॉ. के.पी. वर्मा, कृषि विज्ञान केन्द्र बेमेतरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक उपस्थित थे।’

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