राज्य कृषि समाचार (State News)

देवास में जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला सम्पन्न  

25 मार्च 2023, देवास: देवास में जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेला सम्पन्न – जिला स्तरीय कृषि विज्ञान मेले का आयोजन शुक्रवार को कृषि उपज मण्डी समिति प्रांगण क्रमांक 1 देवास में विधायक श्रीमती गायत्रीराजे पवार, विधायक श्री मनोज चौधरी, महापौर श्रीमती गीता दुर्गेश अग्रवाल, नगर निगम सभापति श्री रवि जैन, कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता, के आतिथ्य में हुआ।

दीप प्रज्जवलन करने के पश्चात विधायक श्रीमती गायत्रीराजे पवार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसान हितैषी कई योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं का लाभ लेकर खेती लाभ का धंधा बन रहा है। प्रदेश सरकार हर समय किसानों के साथ खड़ी है। आज कृषि मेले में स्टॉल लगाकर खेती के नए-नए तरीकों के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। आप सभी यहां से जानकारी प्राप्त कर खेती करें। वहीं विधायक श्री मनोज चौधरी ने कहा कि सभी कृषकगण आधुनिक खेती को अपनाकर खेती को लाभ का धंधा बनाएं। कृषकगण परांपरागत खेती को छोड़कर आधुनिक खेती करें । किसानों को कृषि विज्ञान मेले के माध्यम से आधुनिक खेती के बारे में अवगत कराया जा रहा है। हमारे मुख्यमंत्री भी एक किसान है, वे किसानों की पीड़ा समझते हैं। उन्होंने किसानों की पीड़ाओं को ध्यान में रखते हुए कई योजनाएं बनाई है जिनका लाभ कृषकगण ले रहे हैं।

कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने कहा कि किसान वर्षों से खेती कर रहे हैं, खेती को आप से अच्छा कोई नहीं जानता। आज भी अधिकतर कृषकगण पुरानी पद्धति से खेती कर रहे हैं, किसानों को नई आधुनिक पद्धति से खेती करना चाहिए। जिससे आपकी फसल भी अच्छी होगी और मुनाफा भी ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में “एक जिला एक उत्पाद” के तहत बांस का चयन किया गया है। जिले में एक लाख हेक्टेयर में बांस खेती की जाने की योजना है। जिले में बड़े किसान एवं जनप्रतिनिधिगण बड़े पैमाने पर बांस की खेती कर रहे हैं। आप किसानों को भी खेत में बांस लगाना चाहिए। बांस लगाने से उसके अंदर चार से पांच साल में गारंटी से लाभ मिलना शुरू हो जाता है और आगे भी निरंतर मिलता रहता है। श्री गुप्ता ने कहा कि जिले में लगभग 523 तालाब एवं जलाशय उपलब्ध हैं, जिसमें मछली पालन किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे समूह बनाएं तथा मछली पालन का कार्य करें । कार्यक्रम में आर्टीसन कंपनी के प्रतिनिधि श्री देवोपम मुखर्जी ने बांस की खेती के संबंध में एवं बनने वाले उत्पाद के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम में बताया गया कि कृषि एवं सम्बद्ध विषयों जैसे पशु पालन, उद्यानिकी, मछली पालन, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती आदि पर किसानों एवं कृषि वैज्ञानिकों के मध्य नवीन एवं वैज्ञानिकी तकनीकी सुधार से वर्तमान फसलों की उत्पादकता बढ़ाने एवं कृषकों की आय दुगनी करने तथा कृषि को लाभ का धंधा बनाना मुख्य उद्देश्य है। मेले में तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जिसमें कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मिट्टी परीक्षण, नरवाई न जलाने, कीट व्याधि के संबध में जानकारी दी गई। इस दौरान पूर्व महापौर श्री सुभाष शर्मा, उपसंचालक कृषि श्री आरपी कनेरिया, उपसंचालक कृषि (आत्मा) श्रीमती नीलम चौहान, कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए.के. बड़ाया, श्री दुर्गेश अग्रवाल, श्री भरत चौधरी, श्री गणेश पटेल, डॉ. महेन्द्र सिंह, डॉ. मनीष, डॉ सविता कुमारी, डॉ. नीरजा , श्री लोकेश गंगराड़े, आर्टीसन के श्री देवापम मुखर्जी, सहित बड़ी संख्या में कृषकगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।

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