बुलंद हौसले और अटूट विश्वास से कोरोना को दी मात
कोरोना फाइटर की कहानी ,उन्हीं की जुबानी
- किसलय किशोर,मैनेजर सेल्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा,फार्म इक्विपमेंट डिवीज़न,
- मोबाइल : 97714 55895
15 मई 2021, भोपाल । बुलंद हौसले और अटूट विश्वास से कोरोना को दी मात – मेरा नाम किसलय किशोर, उम्र 43 वर्ष है, मै पटना बिहार में रहता हूँ । मै महिंद्रा एंड महिंद्रा फार्म इक्विपमेंट डिवीज़न में मैनेजर सेल्स के पद पर कार्यरत हूँ। मुझे कोरोना हुआ था और 25 दिन बाद अब मै स्वस्थ हो कर घर पर हूँ। मुझे कोरोना की शुरुआत शायद 10 अप्रैल को हुई परन्तु मुझे पता नहीं चला । 14 अप्रैल से 101 डिग्री बुखार आने लगा । मैं डोलो -650 लेकर होम कुवारेन्टीन हो गया। फिर मुझे खांसी, बलगम और कंठ में जकड़न की शिकायत होने लगी। मेने 20 अप्रैल को आर टी पी सी आर कोविड- 19 टेस्ट कराया, रिपोर्ट पॉजिटिव आई । मेने अपने डायबेटिक डॉक्टर कुनाल कुंदन से सलाह ली । उन्होंने सीटी स्केन कराने की सलाह दी । जब तक सीटी स्केन का रिपोर्ट मिलता तब तक खांसी से मेरा दम फूलने लगा और मेरी हालत खराब हो गई । मैं ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन लेवल चेक करता रहता था जो कम होने लगा। डॉक्टर की सलाह पर मेरी वाइफ स्नेहा ने मुझे कंगन घाट आइसोलेसन् सेंटर पल्स हॉस्पिटल में एडमिट कराया । वहां मै दो दिन ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहा । दो दिन में स्वास्थय में सुधार न होता देखकर डॉक्टर ने सलाह दी कि और अधिक सुविधा वाले हॉस्पिटल में शिफ्ट हो जाएँ। तब तक सीटी स्केन की रिपोर्ट भी आ गई जिसमे सीटी स्कोर 22/25 था , दोनों फेफड़ो में ब्लड क्लॉट हो चुका था । लेकिन मुझे सर्व सुविधा युक्त हॉस्पिटल में बेड उपलब्ध नहीं हो पा रहा था।
परन्तु कहते हैं न कि, जाको रखे साईंया मार सके न कोई और मुझे पटना एम्स में 25 अप्रैल को जगह मिल गई। इस सबका श्रेय मेरी जीवन संगिनी स्नेहा और मेरे माता पिता को जाता है । एम्स मैं मेरा इलाज़् सही चला, अप्रैल तक ऑक्सीजन पर रहा। वहां की पूरी टीम हर मरीज की पूरी देखभाल करती है और अंतिम समय तक मरीज को ठीक करने का पूरा प्रयास करती है। खूब ख्याल रखती है। इस बीमारी के दौरान मेरा अनुभव रहा कि जो लोग हॉस्पिटल के अंदर डर गए थे, वो लो लोग बच नहीं पाए । अधिक आयु वालों तथा पूर्व बीमारी जैसे डायबिटीज , कैंसर हो तो खतरा अधिक बढ़ जाता है। मुझे भी डायबिटीज है बचना मुश्किल था ।लेकिन हौसला बुलंद था और अपने गुरु बउआ साहब् पर अटूट विश्वास था । मैं कबीर पंथ से हूँ । कबीर आश्रम भरवारा थाना ज़िला दरभगा घर है । प्रार्थना मैं अटूट शक्ति है । बउआ साहब् के अनुयायी मेरे गुरु भाईयो ने पूजा – अर्चना और प्रार्थना की। मेरे गुरु और माता पिता के आशीर्वाद, सभी मित्रों , शुभचिंतकों की प्रार्थनाओं से अब मै स्वस्थ्य तथा घर पर हूँ। मेरी सलाह् है कि कोविड – 1 9 को हलके मैं न ले अगर कुछ होता है तुरत दवा लीजिए, हौसला बुलंद रखिए और कोरोना को मारकर विजय हासिल कीजिए ।