किसानों को कृषि विभाग द्वारा रबी फसलों हेतु समसामयिक सुझाव
होशंगाबाद। नर्मदापुरम् संभाग में रबी फसलों की बोनी लगभग पूर्ण होने पर है। संभाग में लगभग 5.11 लाख हेक्टर क्षेत्र में गेहूं, 1.29 लाख हेक्टर क्षेत्र में दलहन फसल तथा 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में तिलहनी फसलों की बोनी होने का अनुमान है इस प्रकार संभाग में रबी फसलों की बोनी 6.55 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में हो चुकी है।
संयुक्त संचालक किसान कल्याण तथा कृषि विभाग श्री बी.एल.बिलैया ने यह जानकारी देते हुए संभाग के कृषकों को सलाह दी है कि गेहूं की फसल में प्रथम सिंचाई शिखर ग्रड निकलने की अवस्था अथवा बोनी के 21 दिन में करे तथा नाइट्रोजन यूरिया उर्वरक की शेष मात्रा का प्रयोग प्रथम एवं द्वितीय सिंचाई के समय किया जावे। द्वितीय सिंचाई कल्ले निकलने की अवस्था अथवा 40-45 दिन तृतीय सिंचाई पूर्व संधिया विकास अथवा 60-65 दिन अवस्था में करे। यूरिया का छिड़काव दोपहर बाद औस झड़ जाने के पश्चात ही करें। संभाग की मिट्टी में जिंक तत्व की कमी परीलक्षित हो रही है जिन कृषक बंधुओं ने बोनी के समय जिंक सल्फेट 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर का उपयोग नहीं किया है अथवा जिन खेतों की फसलों में पीलापन दिखाई दे उन फसलों में 2.5 किलोग्राम जिंक सल्फेट, 2.5 किलोग्राम चूने के पानी के साथ घोल बनाकर प्रति हेकटेयर 15 दिन के अंतर पर दो बार आवश्यक छिड़काव करें। घ्वजपर्ण बाली निकलने के पहले बाली पत्ती पर ऊतक गलन नेक्रोसिस की धारियां दिखाई दे तो फसल में 0.5 प्रतिशत मेगनेशियम सल्फेट का छिड़काव करे। गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए सल्फोसलफ्यूरान 25 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर 250 से 300 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करे अथवा मेट्रव्युजीन 175 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर 250 से 300 लीटर पानी के घोल का छिड़काव करे अथवा सल्फोसलफ्यूरान 25 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर तथा मेटलफ्यूरान मिथाईल 4 ग्राम सक्रिय तत्व प्रति हेक्टेयर का घोल 250 से 300 लीटर पानी में बनाकर छिड़काव करे।