इंदौर जिले की मंडियों में 1 जून से दो लाख तक की नगद भुगतान व्यवस्था लागू
2 जून 2022, इंदौर । इंदौर जिले की मंडियों में 1 जून से दो लाख तक की नगद भुगतान व्यवस्था लागू – 1 जून से छावनी ,लक्ष्मी नगर मंडी सहित जिले की सभी मंडियों में नगद भुगतान व्यवस्था लागू कर दी गई है । इसके तहत अब व्यापारी को दो लाख तक का नगद भुगतान किसान को उसी दिन करना होगा। यदि किसान की फसल की राशि दो लाख से अधिक होती है तो उसी दिन आरटीजीएस किया जाएगा। यदि जिस दिन फसल बिकती है उसी दिन भुगतान नहीं होता है, तो अगले दिन वह किसान मंडी समिति को शिकायत करेगा। किसान संगठन लंबे समय से दो लाख तक के नकद भुगतान की मांग कर रहे थे। इस विषय को लेकर पिछले दिनों मंडी में नीलामी रुकवा दी थी। मंडी द्वारा किसानों से आग्रह किया गया है कि जब भी मंडी में अपनी फसल बेचने आए तो जमीन के कागजात और आधार कार्ड की कॉपी जरूर साथ लेकर आएं।
संयुक्त किसान मोर्चा के श्री रामस्वरूप मंत्री और किसान मजदूर सेना के श्री बबलू जाधव ने कृषक जगत को बताया कि किसान संगठन लंबे समय से दो लाख तक के नकद भुगतान की मांग कर रहे थे। अभी तक नगद भुगतान नहीं होने से आरटीजीएस के नाम से या चेक देकर व्यापारी किसानों का भुगतान करने में टालमटोल कर रहे थे और पूर्व में करोड़ों रुपया लेकर व्यापारी लापता हो गए।इसी विषय को लेकर पिछले दिनों मंडी में नीलामी रुकवा दी थी। इसके बाद किसानों के साथ मंडी और प्रशासनिक अधिकारियों की हुई बैठक में 1 जून से मंडी में दो लाख तक का नकद भुगतान करने के निर्णय लिया गया था।
श्री जाधव ने बताया कि पहले दिन कुछ किसानों के भुगतान में समस्या आई। इस संबंध में किसानों ने मंडी सचिव श्री नरेश परमार से किसान संगठनों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा की , जिसमें निर्णय हुआ कि जिस व्यक्ति के नाम जमीन है, उस व्यक्ति की पावती की फोटो कॉपी तथा आधार कार्ड की फोटो कॉपी किसान साथ लेकर आएंगे। यदि जमीन पिता या मां के नाम पर है और बेटा बेचने आएगा तो वह बेटा उन्हीं कागजों के पीछे लिखकर देगा कि यह मेरे पिता की फसल है और मैं इसे बेचने आया हूं ,अतः मुझे भुगतान किया जाए । किसान संगठनों ने सभी किसानों से अपील की है कि जब भी अपनी फसल बेचने आए तो जमीन के कागजात और आधार कार्ड की कॉपी जरूर साथ लेकर आएं और नगद भुगतान प्राप्त कर इस व्यवस्था को कायम करने में मंडी प्रशासन का सहयोग दें।
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