5 सुपर फॉस्फेट कंपनियां एनबीएस सब्सिडी से बाहर
23 अक्टूबर 2023, इंदौर: 5 सुपर फॉस्फेट कंपनियां एनबीएस सब्सिडी से बाहर – केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने गत दिनों 5 सुपर फॉस्फेट निर्माता कंपनियों राजस्थान की भूमि फॉस्फेट प्रा.लि. ,देबारी, उदयपुर ,मेसर्स पटेल फॉस्फोकेम प्रा.लि.,उमरदा, उदयपुर, गायत्री स्पिनर्स लि. ,हमीरगढ़ ,भीलवाड़ा तथा गुजरात की मेसर्स सरदार एग्रो फर्टिलाइज़र्स एन्ड केमिकल्स प्रा. लि. , मोरबी और सिंघम बायो क्रॉप प्रा लि.,डूंगरी ,भरुच को एनबीएस सब्सिडी योजना से बाहर कर दिया है। इसका कारण उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रावधानों एवं उर्वरक विभाग द्वारा एसएसपी उद्योग के लिए जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करना बताया जा रहा है।
बता दें कि उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) योजना वर्ष 2010 में शुरू की गई थी। योजना में यूरिया को छोड़कर, फॉस्फेट और पोटाश (पी एंड के) उर्वरकों के प्रत्येक ग्रेड पर उनमें मौजूद पोषक तत्व के अनुसार वार्षिक आधार पर तय की गई सब्सिडी की एक निश्चित राशि प्रदान की जाती है।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने एसएसपी उर्वरक निर्माताओं द्वारा लगातार की जा रही अनियमितताओं को देखते हुए फर्टिलाइज़र एसोसिएशनऑफ इण्डिया (एफ एआई ) के साथ हुई बैठक में नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों को चेतावनी दी थी। साथ ही एक टास्क फ़ोर्स का गठन भी किया गया था। इस टास्क फ़ोर्स द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित एसएसपी उर्वरक कंपनियों के बाजार से नमूने एकत्रित कर उनका परीक्षण कराया गया था। सूत्रों के अनुसार जिन कंपनियों के नमूने सबसे ज़्यादा फेल हुए , उन्हें एनबीएस सब्सिडी योजना से बाहर किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक डीएपी के लगातार बढ़ते दामों से चिंतित सरकार डीएपी की जगह एसएसपी के उपयोग को बढ़ाना चाहती है। इस कारण उसकी गुणवत्ता पर ध्यान दिया जा रहा है। सरकार एनबीएस सब्सिडी की दरें घटाने पर भी विचार कर रही है। यदि ऐसा होता है तो इससे कीमतों में इज़ाफ़ा हो जाएगा और किसान की लागत बढ़ जाएगी।
रबी एनबीएस सब्सिडी की घोषणा नहीं – रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने खरीफ सत्र 2023 ( 1अप्रैल से 30 सितंबर ) के लिए 18 मई 2023 को विभिन्न फर्टिलाइज़र्स के लिए एनबीएस सब्सिडी की दरें घोषित कर दी थी , लेकिन चालू रबी सत्र के लिए अभी तक एनबीएस सब्सिडी की घोषणा नहीं की गई है ,जबकि कई जगह रबी फसलों की बुवाई शुरू हो गई है।
उर्वरक मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सरकार द्वारा एनबीएस सब्सिडी को घटाने की तैयारी की जा रही है, जिससे एसएसपी उर्वरकों के दामों में वृद्धि हो जाएगी। दूसरी तरफ एनबीएस सब्सिडी की घोषणा नहीं होने से फॉस्फेटिक और पोटाश (पी एंड के) उर्वरक निर्माता भी पशोपेश में है ,कि ऐसी स्थिति में उर्वरक के दाम कैसे तय करें और उर्वरक कैसे बेचें ,जबकि किसानों की मांग शुरू हो गई है।
इस संबंध में उर्वरक मंत्रालय के जिम्मेदार अधिकारी भी बोलने से बच रहे हैं। परन्तु जिन कंपनियों को एनबीएस सब्सिडी योजना से बाहर किया गया है, उसके निष्कासन का कारण बताते हुए उर्वरक विभाग को किसान हित में इसे सार्वजनिक करना चाहिए , ताकि किसान गलत कम्पनी से उर्वरक न खरीदें।उर्वरक मंत्रालय द्वारा अमानक एसएसपी बनाने वाली कंपनियों की अधिकृत जानकारी सार्वजनिक नहीं करने के पीछे उर्वरक माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों की सांठ- गांठ दिखती है।
कृषक जगत ने उर्वरक मंत्रालय, नई दिल्ली में पदस्थ डायरेक्टर ( मूवमेंट ) श्री हरविंदर सिंह से एनबीएस सब्सिडी योजना से बाहर हुई एसएसपी निर्माता कंपनियों की संख्या संबंधी सवाल पूछा तो उन्होंने इस प्रकरण पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
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