कृषि निर्यात के क्षेत्र में उत्तरप्रदेश तीसरे पायदान पर, देश में कृषि निर्यात का बना हब
17 फरवरी 2024, नई दिल्ली: कृषि निर्यात के क्षेत्र में उत्तरप्रदेश तीसरे पायदान पर, देश में कृषि निर्यात का बना हब – कृषि और प्रोसेस्ड फूड प्रॉडक्ट्स की निर्यात क्षमता का लाभ उठाने के लिए, कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 14 फरवरी 2024 को मिर्ज़ापुर में ‘कृषि-निर्यात: क्षमता निर्माण और क्रेता-विक्रेता बैठक’ का आयोजन किया।
इस बैठक में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात के क्षेत्र में निरंतर सुधार करते हुए सर्वाधिक कृषि निर्यात वाले राज्यों में गुजरात और महाराष्ट्र को पीछे छोड़ते हुए पांचवें से तीसरे पायदान पर पहुंच गया है। यह सिर्फ आठ महीनों, वित्त वर्ष 2023-24 (23 अप्रैल से 23 नवंबर) के भीतर ही तीसरा पायदान हासिल करने में सफल रहा हैं।
कृषि निर्यात का हब बना उत्तरप्रदेश
राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने ऐसी ही एक आगामी महत्वपूर्ण परियोजना, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में चुनार उपमंडल में में बनने वाली ‘सरदार वल्लभभाई पटेल निर्यात सुविधा केंद्र’ पर प्रकाश डाला, जो निकट अवधि में पूरा होने पर, इस क्षेत्र से कृषि निर्यात को काफी बढ़ावा देगा, जिससे पूर्वांचल देश का एक कृषि निर्यात हब बन जाएगा।
सरदार वल्लभभाई पटेल निर्यात सुविधा केंद्र
‘सरदार वल्लभभाई पटेल निर्यात सुविधा केंद्र’ कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र के निर्यात को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस नए विकासशील बुनियादी ढांचे की कल्पना एफपीओ, किसानों, निर्यातकों और अन्य हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने वाली एक व्यापक सिंगल विंडो सिस्टम के रूप में की गई है। मिर्ज़ापुर जिले के चुनार उप-मंडल में 5 एकड़ क्षेत्र में फैली इस परियोजना में सभी आवश्यक सुविधाओं के साथ एक आधुनिक पैकहाउस की भी सुविधा है।
प्रशिक्षण सुविधा से किसानों को लाभ
इसके अलावा, परियोजना में एक प्रशिक्षण सुविधा भी है जिससे क्षेत्र के सभी किसानों और एफपीओ/एफपीसी को लाभ होगा। अंत में, इस परियोजना में प्रमुख निर्यात-उन्मुख सरकारी निकायों जैसे एमपीईडीए, मसाला बोर्ड, आईआईपी, ईआईसी के कार्यालय भी होंगे जो क्षेत्र के कृषि-निर्यात ईकोसिस्टम के लिए सेवाएं देंगे।
किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कटिबद्ध
एपीडा के अध्यक्ष, श्री अभिषेक देव ने बाजार संबंधों पर ध्यान केंद्रित करके और निर्यात बुनियादी ढांचे को बढ़ाकर एफपीओ और किसानों के लिए निर्यात के अवसरों को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि एपीडा, जिसने 13 फरवरी, 2024 को अपना 38वां स्थापना दिवस मनाया, कृषि निर्यात मूल्य श्रृंखला में सभी हितधारकों, विशेषकर किसानों को उभरते बाजार के अवसरों के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और जोखिम प्रदान करके उनकी आय बढ़ाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
कृषि निर्यात के लिए 50 एफपीओ
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लगभग 50 एफपीओ को कृषि निर्यात के लिए निर्यातकों के रूप में बढ़ावा दिया गया है, जिनमें से 20 से अधिक सक्रिय रूप से प्रत्यक्ष और डीम्ड निर्यात दोनों में लगे हुए हैं।
इन कृषि उत्पादों का किया गया निर्यात
हरी मिर्च, आम, टमाटर, भिंडी, आलू, सिंघाड़ा, क्रैनबेरी, केला, जिमीकंद, आइवी लौकी, लौकी, परवल, अरवी, अदरक, ताजा गेंदा जैसे ताजे फल और सब्जियों और चावल सहित कृषि उत्पादों की एक बड़ी रेंज का निर्यात किया गया है, जो वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए क्षेत्र की क्षमता को रेखांकित करता है।
ये रहे मौजूद
इस कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने मुख्य अतिथि रहीं। राज्यसभा सांसद श्री राम शकल की अगुवाई में कई वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, निर्यातक संघों के प्रतिनिधि, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), हितधारकों और क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों ने भी इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। इस कार्यक्रम को किसानों से बहुत उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली और 1500 से अधिक किसानों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
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