National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

कस्टम हायरिंग हायटेक हबों से आधुनिक खेती को बढ़ावा

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22 जुलाई 2021, नई दिल्ली । कस्टम हायरिंग हायटेक हबों से आधुनिक खेती को बढ़ावा – समन्वित बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) स्कीम में 2014-15 से 2020-21 तक संरक्षित खेती के लिए 2763.35 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है और इसमें 2.33 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को कवर किया गया है।

श्रीमती जसकौर मीना भाजपा सांसद दौसा (राज.) के आधुनिक खेती को बढ़ावा देने के प्रश्न पर गत सप्ताह लोकसभा में कृषि मंत्री श्री तोमर ने बताया कि कृषि विभाग विभिन्न मिशनों/योजनाओं के द्वारा आधुनिक कृषि तकनीक के लिए किसानों को सहायता प्रदान कर रहा है, ताकि बुनियादी ढांचे में विकास के माध्यम से कृषि के विकास को बनाए रखा जा सके, जिसमें कस्टम हायरिंग केन्द्रों, कृषि मशीनों के हाईटेक हबों की स्थापना शामिल है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) में सूक्ष्म सिंचाई के जरिए जल उपयोग दक्षता वृद्धि की जा रही है। इस योजना में 2015-16 से लेकर 2020-21 तक 14,548.03 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की गई है और सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत 57.31 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाया गया था।

प्र.म. फसल बीमा योजना में 97,719 करोड़ का भुगतान

सरकार द्वारा पीएमएफबीवाई के अंतर्गत 2016-17 में इस स्कीम के आरंभ होने के बाद से किसानों से 21,614 करोड़ रुपए की धनराशि के प्रीमियम के मुकाबले अब तक लगभग 834.6 लाख किसानों को 97,719 करोड़ रुपए के दावों का भुगतान किया जा चुका है। पीएम-किसान में 11.08 करोड़ किसानों से अधिक को लगभग 1.37 लाख करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं।

फार्म पावर 43 प्रतिशत तक बढ़ा

एक अन्य प्रश्न के जवाब में श्री तोमर ने बताया कि कृषि के आधुनिकीकरण में कृषि यंत्रीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को ध्यान में रखते हुए, वर्ष 2014-15 से 2021-22 तक की अवधि के दौरान राज्यों को 4,865 करोड़ रुपए का केन्द्रीय अनुदान जारी किया गया है जिसके माध्यम से किसानों को 13,23,000 से अधिक मशीनें वितरित की गई हैं और किसानों को किराये के आधार पर मशीन और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए 15,400 से अधिक कस्टम हायरिंग सेंटर, 360 हाईटेक हब और 14,200 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित किए गए हैं। इन हस्तक्षेपों ने वर्ष 2013-14 की तुलना में विभिन्न कृषि कार्यों को करने के लिए प्रति यूनिट क्षेत्र में 43 प्रतिशत तक फार्म पावर बढ़ाने में मदद की है।

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