National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओ का निवारण किया

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26 अगस्त 2023, नई दिल्ली: आईसीएआर के वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओ का निवारण किया – आई. सी. ए. आर.-एन. बी. ए. आई. आर. के निदेशक डॉ. एस. एन. सुशील और डॉ. ए. एन. शायलेशा ने प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. ए. कंदन के साथ किसानों की समस्याओं का निवारण करने के लिए अपनी विशेषज्ञता प्रदान की। डॉ एस सुनिल व वैज्ञानिकों ने किसानों को जैव कीटनाशकों की विशेषताओं के बारे में बताया। इस जैविक कीटनाशक से किसानों के सामने आने वाली किसी भी परेशानी को दूर किया जा सकता हैं।

नोडल अधिकारी डॉ दीपा भगत ने बताया कि कार्यक्रम के समापन पर डॉ. एस. एन. सुशील ने उपस्थित किसानों के बीच शतपाड़ा ऑल राउंडर जैव कीटनाशक फॉर्मूलेशन वितरित किया। इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनके शहतूत के खेतों में कीटों और बीमारियों के प्रबंधन के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के साथ सशक्त बनाना था। “माइक्रोबियल बायो एजेंटों और परजीवी परभक्षी इकाइयों के बड़े पैमाने पर उत्पादन पर ग्रामीण किसान उत्पादक संगठनों के लिए प्रशिक्षण” शीर्षक से यह कार्यक्रम कर्नाटक के देवाहनहल्ली में आयोजित किया गया। शहतूत की खेती और रेशम कीट पालन में लगे 50 से अधिक समर्पित किसानों ने भाग लिया, इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्हें प्रभावी कीट प्रबंधन के लिए आवश्यक विशेषज्ञता से लैस करना था।

50 से अधिक किसानों ने लिया कार्यक्रम भाग

देवाहनहल्ली में आयोजित इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम 50 से अधिक किसान भाग लेने के लिए एकत्र हुए। इस कार्यक्रम में उद्देश्य  किसानों की शहतूत में थ्रिप्स और माइट प्रबंधन की अपनी समझ को बढ़ाने पर था, जिसे शतपाड़ा ऑल राउंडर फॉर्मूलेशन के रूप में जानी जाने वाली अभिनव आईसीएआर-एनबीएआईआर तकनीक द्वारा सरल बनाया गया। किसानों ने इसके अनुप्रयोगों, विशेष रूप से थ्रिप्स और माइट्स का मुकाबला करने में इसकी प्रभावकारिता का पता लगाया, जो अक्सर चिंतामणि क्षेत्र में उनकी शहतूत की फसलों को प्रभावित करते हैं।

आई. सी. ए. आर.-एन. बी. ए. आई. आर. के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने कार्यक्रम के दौरान सूचनात्मक सत्रों का नेतृत्व किया। डॉ सुनील ने ट्राइकोडर्मा एस्पेरेलम का उपयोग करके खेत की खाद का संवर्धन किया। इस समृद्ध मिश्रण को तब शहतूत की जड़ क्षेत्र में तैनात किया गया था, जो जड़ सड़न और विल्ट के खिलाफ एक मजबूत रक्षा प्रदान करता है।

आई. सी. ए. आर.-एन. बी. ए. आई. आर. के वैज्ञानिकों ने शतपद ऑल राउंडर और शतपद मास्टर ब्लास्टर जैसे जैव कीटनाशकों के उपयोग का प्रदर्शन किया। इन पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों को वास्तविक क्षेत्र स्थितियों में थ्रिप्स और माइट्स के प्रबंधन में प्रभावी होने के लिए प्रदर्शित किया गया था। इस कार्यक्रम द्वारा किसानों ने इन जैव कीटनाशकों की विशेषताओं  जानकारी प्राप्त की साथ ही उनकी समस्याओ का भी निवारण किया गया।

आईसीएआर-एनबीएआईआर और केवीके चिंतामणि की इस सहयोगी पहल ने न केवल किसानों के ज्ञान को समृद्ध किया, बल्कि उन्हें अपने कृषि प्रयासों को बढ़ाने के लिए व्यावहारिक समाधानों से भी लैस किया। जैसे ही आजादी के अमृत महोत्सव की प्रतिध्वनि प्रतिध्वनित हुई, इन किसानों के दिलों में सशक्तिकरण और आशावाद की भावना व्याप्त हो गई, जिससे उनके उज्ज्वल भविष्य की आशाओं का पोषण हुआ।

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