राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए मौसम के अनुसार जरूरी सलाह जारी की

18 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए मौसम के अनुसार जरूरी सलाह जारी की – खेती किसानी के लिए हर महीना विशेष होता है। यदि फसलों में सही से ध्यान नही दिया जाए तो नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में किसानों के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, जबलपुर के कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ़ (म.प्र.) के वैज्ञानिकों ने किसानों के लिए मौसम के अनुसार जरूरी सलाह जारी की है।

बुंदेलखंड क्षेत्र में लगातार बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन के कारण फसल उत्पादन पर विपरीत असर पड़ रहा है। टीकमगढ़ के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे खरीफ के इस अंतिम महीने में फसलों का उचित प्रबंधन करें। देश की 51% खेती वर्षा पर आधारित है, जिससे खाद्य उत्पादन का 40% हिस्सा आता है। वहीं बुंदेलखंड की 82% जनसंख्या कृषि पर निर्भर है, जिसमें खरीफ फसलों का 80-90% हिस्सा बारिश पर निर्भर रहता है। इस समय सही फसल प्रबंधन बेहद जरूरी हो गया है, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के चलते सितंबर के महीने में वर्षा का असमान वितरण फसलों पर भारी असर डाल रहा है।

जरूरी सावधानियां

हाल के वर्षों में देखा गया है कि सितंबर में वर्षा का समय बदल रहा है, जिससे मूंगफली,  सोयाबीन, उड़द, मूंग और तिल जैसी खरीफ फसलें प्रभावित हो रही हैं। पानी की कमी से जहां दाने छोटे और हल्के हो जाते हैं, वहीं अधिक बारिश से फसल सड़ने लगती है या अंकुरित हो जाती है।  इससे न केवल फसल की गुणवत्ता खराब होती है, बल्कि बाजार में कीमत भी गिर जाती है। फसल पर रोग और कीटों का खतरा भी बढ़ जाता है, खासकर जल भराव की स्थिति में। इसलिए किसान भाइयों को खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करनी चाहिए। यदि खेतों में पानी जमा नहीं होगा, तो फसल की सड़ने और रोग लगने की संभावना कम हो जाएगी। इससे फसल की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार होगा। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि फसल बुवाई कतार या रिज-फरो विधियों से करें, जिससे पानी का सही निकास हो सके।

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