सीआईआई – एनसीडीईएक्स एफपीओ समिट का केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने किया शुभारम्भ
28 फरवरी 2022, नई दिल्ली । सीआईआई – एनसीडीईएक्स एफपीओ समिट का केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने किया शुभारम्भ – केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देश में 6,865 करोड़ रूपए के व्यय से 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। इनसे करोड़़ों छोटे किसानों को बहुत सुविधा होगी, इससे खेती में उनकी लागत में काफी कमी आएगी, साथ ही उनके उत्पाद़ों की गुणवत्ता वैश्विक मानदंडों के अनुरूप बढ़ेगी और कृषि निर्यात भी बढ़ेगा। मुख्य अतिथि श्री तोमर ने यह बात सीआईआई- एनसीडीईएक्स एफपीओ समिट का आभासी शुभारंभ करते हुए कही।
श्री तोमर ने एफपीओ का और विस्तार करने की जरूरत पर ज़ोर देते हुए कहा कि हमारे देश में अधिकांश छोटे किसान हैं और इन्हें आगे बढ़ाने में यह बहुत ही कारगर योजना है। एफपीओ के माध्यम से किसान संगठित होकर अपनी खेती के अलावा सामूहिक रूप से उपकरण व आदान खरीद सकते हैं एवं टेक्नालाजी का उपयोग कर सकते हैं , जिससे उत्पादन लागत में कमी ,उत्पादों की गुणवत्ता एवं प्रकार में सुधार तथा उनकी ग्राहक़ों तक पहुँच आसान हो सकेगी। एफपीओ की परिकल्पना किसानों को सुविधा देने और उनकी आय बढ़ाने के लिए की गई है। एफपीओ से कृषि क्षेत्र की ओर नए लोग आकर्षित होंगे तथा कृषि क्षेत्र में पढ़े-लिखे लोग़ों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित हो सकेंगे, इस संबंध में प्रगति हो ऐसी मंशा भारत सरकार की है। श्री तोमर ने इसमें सभी संगठनों से सहयोग की अपेक्षा जताई।
श्री तोमर ने कहा कि भारत सरकार कृषि को लाभप्रद व किसानों को समृद्ध शाली बनाने के लिए सतत प्रयत्नशील है। सरकार की कोशिश है कि किसानों तक वित्त पहुंचे, उत्पाद़ों की बाजार से समबद्धता बनें, बिचौलियों की समाप्ति व फसल विविधीकरण हो, किसान महंगी फसल़ों की ओर जाएं, टेक्नालाजी से जुडे, उनके उत्पादों की गुणवत्ता अच्छी हो जिससे वे वैश्विक मानदंडों के आगे टिक सकें और अपने देश के कृषि उत्पादन को बढ़ाने में भी वे योगदान दे सकें। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे देश के किसान व कृषि क्षेत्र में रूचि रखने वाले सभी लोग इस दिशा में तेजी के साथ प्रयत्न कर रहे हैं, इसीका नतीजा है कि अधिकांश कृषि उत्पाद़ों के मामले में हम दुनिया में पहले या दूसरे पायदान पर हैं । कोविड जैसी महामारी के दौर में भी हमारे कृषि क्षेत्र की प्रगति हम सबको उत्साहित करने वाली है। कृषि ने प्रतिकूलताओं में भी अपनी प्रासंगिकता सिद्ध की है, जो और अधिक ताकत से हमको आगे बढने के लिए प्रेरित करती है।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कृषि क्षेत्र में निवेश की कमी का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2014 के आसपास किसान को अल्पकालिक ऋण छह-सात लाख करोड़ रूपए के करीब मिलता था, जो आज 18 लाख करोड़ रू. तक किसानों के पास पहुँच रहा है,जिससे साहूकारी ऋण से भी किसानों को मुक्ति मिली व अपने खेती-कामकाज को आगे बढ़ाने में उन्हें मदद मिली है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से साढ़े 11 करोड़ किसानों को 1.82 लाख करोड़ रू. पहुंचाए गए हैं। आत्मनिर्भर पैकेज के अंतर्गत एक लाख करोड़ रू.का फंड बनाया गया है, जिस पर तेजी के साथ काम हो रहा है, एफपीओ भी इस फं ड का फायदा ले सकते हैं, इसके लिए प्रावधान किए गए हैं। उन्ह़ोंने किसानों के हितों के लिए संगठऩों से सतत सहयोग की अपेक्षा की। समिट में कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी ,नाबार्ड अध्यक्ष डा. जी.आर. चिंताला , सीआईआई- राष्ट्रीय कृषि परिषद के अध्यक्ष श्री संजीव पुरी व नेबकान के एमडी श्री के.जी. राव सहित अन्य गणमान्य मौजूद थे।
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