रबी फसलों पर पीलापन और इल्लियों के प्रकोप से किसान चिंतित
(राजीव कुशवाह)
नागझिरी। प्राय: गेहूं की फसल पर रोग और कीट नहीं लगते हैं , लेकिन इस साल गेहूं फसल पर पीलापन और इल्लियों का प्रकोप देखा जा रहा है. इससे किसानों का लागत खर्च तो बढ़ा ही है, उत्पादन कम होने की चिंता सताने लगी है।
इस बारे में ग्राम डाबरिया के श्री मोहन राठौड़, मेहरजा के श्री सतीश बर्फा ,बलगांव के श्री अमरसिंह,और मोघन के श्री भीलू सिंह,नागझिरी के श्री गणेश कुशवाह और जीवनसिंह परिहार ने बताया कि सिंचाई करने के बाद भी पौधों में चमक नहीं है.फसल का पीलापन और इल्लियों को दूर करने के लिए महंगी रासायनिक दवाइयां भी छिडकी , लेकिन बेअसर रही. यहां तक कि मोघन, बलगांव,बागदरा और मेहरघट्टी के करीब 50 किसानों को दुबारा गेहूं की बोवनी करनी पड़ी, क्योंकि फसल को फंगस लग गया था. कृषक श्री भगवान सोलंकी ने कहा कि पहले पर्याप्त सिंचाई और उचित देखरेख से प्रति एकड़ 10 -12 क्विंटल गेहूं का उत्पादन हो जाता था,लेकिन इस साल फसल पर 5 हजार रुपए /एकड़ अतिरिक्त खर्च बढऩे के बाद भी उत्पादन घटने की आशंका से चिंतित है. यही हाल प्याज की फसल का भी है.प्रतिकूल मौसम और गिरते दामों के बीच प्याज की फसल को बचाने की जद्दोजहद जारी है।
इस बारे में उप संचालक कृषि श्री एम्.एल. चौहान ने बताया कि यह समस्या जिले में कई जगहों पर बनी हुई है .अतिवृष्टि के बाद जिन खेतों को जल्दी तैयार कर बोवनी की गई थी, वहाँ की फसलों में यह समस्या अधिक है.इसीसे प्याज की फसल भी प्रभावित हुई है।
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