मक्का का एमएसपी 8 वर्षों में 43 प्रतिशत बढ़ाया गया: केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर
भारत मक्का शिखर सम्मेलन-2022
13 मई 2022, नई दिल्ली । मक्का का एमएसपी 8 वर्षों में 43 प्रतिशत बढ़ाया गया: केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर – केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भोजन के साथ ही कुक्कट पालन व एथनाल उत्पादन सहित विविध क्षेत्रों में मक्का का इस्तेमाल होने से न केवल भारत में बल्कि विश्व में भी मक्का की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। सरकार फसलों के विविधीकरण कार्यक्रम के तहत, विभिन्न पहलों के जरिये किसानों को मक्का उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 8 साल के दौरान मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 43 प्रतिशत बढ़ाया गया है। केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने यह बात देश के प्रमुख वाणिज्य एवं उद्योग मंडल फिक्की द्वारा आयोजित ’भारत मक्का शिखर सम्मेलन-2022’ के 8वें संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप में कही। श्री तोमर ने मक्का क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार के भरपूर समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कृषि उत्पादों के निर्यात का आंकड़ा लगभग चार लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
छोटे किसानों की आय बढ़ाने में उपयोगी- श्री केशवन
फिक्की की राष्ट्रीय कृषि समिति के चेयरमैन और टेफे के समूह अध्यक्ष श्री टी.आर. केशवन ने कहा कि खाद्यान्न व पोषण सुरक्षा के मामले में मक्का में बेहतर संभावनाएं मौजूद हैं। यह फसल विविधिकरण के मामले में भी सही मार्ग दिखाती है, साथ ही छोटे किसानों की आय बढ़ाने में यह उपयोगी रही है।
तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल
उद्घाटन सत्र के दौरान बिहार के कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि भारत में गेहूं व चावल के बाद यह तीसरी सबसे महत्वपूर्ण फसल के तौर पर विकसित हो रही है। देश में आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद बिहार पांचवां सबसे बड़ा मक्का उत्पादक राज्य है।
मुर्गी पालन में मक्का की बढ़ती मांग
भारत स्थित अमेरिकी दूतावास में कृषि मामलों के काउंसलर- मंत्री श्री रोनाल्ड वेरडांक ने कहा कि आज जो तकनीक उपलब्ध हैं, उनसे किसान अपना उत्पादन बढ़ा सकते हैं। मुर्गी पालन में मक्का की बढ़ती मांग से भारतीय मक्का क्षेत्र को फायदा होने की संभावना है।
कोर्टेवा एग्रीसाइंसिज, दक्षिण एशिया के अध्यक्ष श्री राहोल सवानी ने कहा कि मक्का क्षेत्र में प्रौद्योगिकी व नवोन्मेष से न केवल हमें उन चुनौतियों का मुकाबला करने में मदद मिली हैं, जिनका किसान सामना करते हैं बल्कि उनका निदान भी किया जा सका है । इस अवसर पर फिक्की व यस बैंक की ’भारतीय मक्का क्षेत्र पर तैयार रिपोर्ट-’’इंडियन मैज सेक्टर-सिक्यूरिंग सप्लाई सस्टेनेबली’’ को भी जारी किया गया।