राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: ड्रैगन फ्रूट I सोयाबीन रेट I सूक्ष्म सिंचाई योजना I उर्वरक सब्सिडी I मधुमक्खी पालन

06 सितम्बर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1.ड्रैगन फ्रूट (होनोलूलू रानी) की खेती

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 होनोलूलू रानी, जिसे अक्सर ड्रैगन फ्रूट कहा जाता है, केवल रात में अपना फूल खिलती है। ड्रैगन फ्रूट में अपनी अनूठी उपस्थिति के बावजूद अन्य फलों के लिए तुलनीय स्वाद होता है। कीवी और नाशपाती के बीच थोड़ा मीठा संकर इसके स्वाद के रूप में वर्णित किया गया है। पूरी खबर पढ़े….

2.सोयाबीन के भावों को लेकर किसानों द्वारा पंचायतों में ज्ञापन देना जारी

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संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसानों से 1 से 7 सितंबर सभी ग्राम पंचायतों में ज्ञापन देने के आह्वान किया गया था। इसी कड़ी में क्षेत्र की कई पंचायतों में किसानों द्वारा सरपंच व सचिव को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिए गए । पूरी खबर पढ़े….

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3.मध्यप्रदेश में 4,197 करोड़ की सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को हरी झंडी

मंत्रिपरिषद की बैठक में मध्यप्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सबसे अहम निर्णय नीमच जिले की जावद-नीमच दाबयुक्त सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को लेकर हुआ, जिसकी लागत 4 हजार 197 करोड़ 58 लाख रुपये है। इस परियोजना से 1 लाख 8 हजार 600 हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की सुविधा मिलेगी, जिससे नीमच और जावद तहसील के 465 गांवों के किसान लाभान्वित होंगे। पूरी खबर पढ़े….

4.समुन्नति ने लॉन्च किया भारत का पहला ‘एफपीओ सर्च इंजन’, किसानों के लिए नई क्रांति

देश की सबसे बड़ी एग्री-चेन फाइनेंसर समुन्नति ने राष्ट्रीय किसान उत्पादक संगठन (NAFPO) के सहयोग से “भारत एफपीओ फाइंडर” प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह देश का पहला डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जिसे देशभर के किसान उत्पादक संगठनों की जानकारी देने के लिए एक संपूर्ण इनसाइक्लोपीडिया के रूप में डिज़ाइन किया गया है। पूरी खबर पढ़े….

5.₹45,242.01 करोड़ की उर्वरक सब्सिडी खर्च, 28% बजट अप्रैल-जुलाई में ही समाप्त, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

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उर्वरक सब्सिडी इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों (अप्रैल-जुलाई) में ₹45,242.01 करोड़ तक पहुंच चुकी है, जो कि पूरे वर्ष के ₹1,64,000 करोड़ बजट का 28% है। हालांकि, प्रमुख रासायनिक उर्वरकों के आयात में 30% की कमी आई है, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक कीमतों में और वृद्धि हुई, तो सब्सिडी का खर्च बजट से अधिक हो सकता है। पूरी खबर पढ़े….

6.महिंद्रा ने महाराष्ट्र में एआई-आधारित शर्करा प्रतिशत अनुसार गन्ना कटाई की शुरुआत की

भारत के चीनी उद्योग में गन्ना की शर्करा प्रतिशत के आधार पर कटाई की नई तकनीक को लागू करते हुए, महिंद्रा एंड महिंद्रा देश की पहली कंपनी बन गई है जिसने सहकार महर्षि शंकरराव कोल्हे सहकारी चीनी मिल लिमिटेड (पूर्व में संजीवनी शुगर) के लिए एआई-सक्षम गन्ना कटाई कार्यक्रम पेश किया है। यह नई तकनीक महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित इस चीनी मिल के लिए 2024 के पेराई सीजन में पूरे पंजीकृत गन्ना क्षेत्र में लागू की गई है। पूरी खबर पढ़े….

7.किसानों की अगली पीढ़ी पर धानुका एग्रीटेक का नया अभियान

धानुका एग्रीटेक ने अपने चर्चित कैंपेन ‘इंडिया का प्रणाम, हर किसान के नाम’ के तहत एक नई मिनी-फीचर फिल्म जारी की है। इस फिल्म में भारत के कृषि भविष्य को एक युवा लड़के की नज़र से दिखाया गया है, जो किसान बनने का सपना देखता है—एक ऐसा व्यवसाय  जो पूरे देश को पोषण देता है। पूरी खबर पढ़े….

8.श्री शिवराज सिंह चौहान ने आंध्र प्रदेश में बाढ़ प्रभावित इलाकों का किया दौरा, बोले- हर संभव मदद मिलेगी

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आंध्र प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और वहां के लोगों से मुलाकात की। अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान उन्होंने विजयवाड़ा में बुडामेरू और कैचमेंट क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और प्रकाशम बैराज डैम का निरीक्षण किया, जहां भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ था। श्री चौहान ने जक्कमपुडी समेत कई बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करते हुए लोगों से उनकी समस्याएं सुनीं। पूरी खबर पढ़े….

9.नागरिकों को राहत, 35 रुपये किलो प्याज बेचेगी सरकार

नागरिकों के लिए राहत की खबर ही होगी कि आज से 35 रुपए किलो प्याज मिलेंगे. प्याज की खुदरा कीमतों की बात करें तो इस समय शहरी इलाकों के बाजारों में प्याज 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है. प्याज की बढ़ती कीमतों का बोझ आम जनता पर नहीं पड़े इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से भी तैयारी की गई है. पूरी खबर पढ़े….

10.“परंपरागत शहरी मधुमक्खी पालन विधि काआधुनिक चुनौतियों और अवसरों के साथ समावेशन”

मधुमक्खी पालन या मधुमक्खी पालन शहद और अन्य मूल्यवान उत्पादों जैसे मोम और प्रोपोलिस के उत्पादन के लिए मधुमक्खियों के प्रबंधन की प्राचीन प्रथा है। प्रागैतिहासिक काल से इसकी उत्पत्ति और वेद, रामायण और कुरान जैसे पवित्र ग्रंथों में संदर्भों के साथ, मधुमक्खी पालन एक स्थायी कृषि पद्धति के रूप में विकसित हुआ है जो महत्वपूर्ण वाणिज्यिक और पारिस्थितिक लाभ प्रदान करता है। पूरी खबर पढ़े….

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