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समुन्नति ने लॉन्च किया भारत का पहला ‘एफपीओ सर्च इंजन’, किसानों के लिए नई क्रांति

06 सितम्बर 2024, हैदराबाद: समुन्नति ने लॉन्च किया भारत का पहला ‘एफपीओ सर्च इंजन’, किसानों के लिए नई क्रांति – देश की सबसे बड़ी एग्री-चेन फाइनेंसर समुन्नति ने राष्ट्रीय किसान उत्पादक संगठन (NAFPO) के सहयोग से “भारत एफपीओ फाइंडर” प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह देश का पहला डिजिटल सार्वजनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जिसे देशभर के किसान उत्पादक संगठनों की जानकारी देने के लिए एक संपूर्ण इनसाइक्लोपीडिया के रूप में डिज़ाइन किया गया है। इस प्लेटफार्म पर 42,000 से अधिक एफपीओ सूचीबद्ध हैं, जो किसानों, शोधकर्ताओं, एनजीओ और अन्य हितधारकों को महत्वपूर्ण डेटा उपलब्ध कराकर कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने का काम करेगा।

समुन्नति के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन HICC नोवोटेल में इस प्लेटफार्म का उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम में समुन्नति के निदेशक, प्रवेश शर्मा ने “भारत एफपीओ फाइंडर” को “एफपीओ के लिए भारत का गूगल” बताया। उन्होंने कहा, “यह प्लेटफॉर्म भारत का पहला डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर है, जो देशभर के एफपीओ को एक ही डिजिटल छत के नीचे लाता है।”

इस प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफेस के साथ डिज़ाइन किया गया है, जहां उपयोगकर्ता स्थान, फसल, सेवाएं और बाजार लिंक के आधार पर एफपीओ को खोज सकते हैं।

समुन्नति के सीईओ और संस्थापक अनिल कुमार SG ने कहा, “कृषि में डिजिटल बदलाव हो रहा है और ‘भारत एफपीओ फाइंडर’ इसके केंद्र में होगा। एफपीओ छोटे और सीमांत किसानों को उत्पादन, बाजार पहुंच, और वित्तीय सहायता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, यह प्लेटफार्म उनके विकास को समर्थन देने वाले हितधारकों से जुड़ने में मदद करेगा।”

कार्यक्रम के दौरान अनिल कुमार SG ने “क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर के लिए वित्तीय समर्थन” पर एक महत्वपूर्ण श्वेत पत्र भी लॉन्च किया। इस दस्तावेज़ में जलवायु-स्थायी कृषि प्रथाओं के लिए वित्तपोषण को तेज करने की रणनीतियों पर जोर दिया गया है। यह निजी निवेश को प्रोत्साहित करने और जलवायु प्रौद्योगिकी में वित्तीय अंतर को पूरा करने के लिए सुझाव देता है।

समारोह में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव, श्री फैज़ अहमद किदवई ने कहा, “भारतीय कृषि का भविष्य जलवायु परिवर्तन के अनुकूल बनने और बढ़ती आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में है। एफपीओ इस बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, क्योंकि वे किसानों के आर्थिक और पर्यावरणीय कल्याण को सुनिश्चित करते हुए स्थायी प्रथाओं को बड़े पैमाने पर लागू कर सकते हैं।”

NABARD के मुख्य महाप्रबंधक, डॉ. ए.वी. भवानी शंकर ने समुन्नति की सराहना करते हुए कहा कि यह प्लेटफॉर्म एफपीओ को बाजार से जोड़कर स्थायी कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने में मदद कर रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि NABARD भारत में स्थायी कृषि और जलवायु-अनुकूल एफपीओ के लिए नए नियमों पर काम कर रहा है, जिससे भारतीय कृषि क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।

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