केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि विकास के लिए दो योजनाओं को दी मंजूरी
04 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि विकास के लिए दो योजनाओं को दी मंजूरी – केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए दो अहम योजनाओं – प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के तहत 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया है, जो राज्यों के माध्यम से लागू की जाएंगी।
राज्यों को मिलेगा धन पुनर्विनियोजन का अधिकार
एक बड़े बदलाव के तहत, राज्य सरकारों को अब अपनी विशेष जरूरतों के अनुसार पीएम-आरकेवीवाई के तहत एक घटक से दूसरे घटक में धन आवंटित करने की छूट दी गई है। इससे राज्यों को अपने कृषि क्षेत्र की प्राथमिकताओं के आधार पर योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी।
दो योजनाओं का एकीकृत ढांचा
पीएम-आरकेवीवाई का उद्देश्य टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देना है, जबकि कृषोन्नति योजना खाद्य सुरक्षा और कृषि आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने पर ध्यान केंद्रित करती है। इन योजनाओं में शामिल सभी घटक आधुनिक तकनीक का उपयोग कर प्रभावी ढंग से लागू किए जाएंगे। इससे खेती में उन्नति के साथ-साथ किसानों के जीवन में भी सुधार होगा।
योजनाओं के इस युक्तिकरण से राज्यों को कृषि क्षेत्र के लिए एक व्यापक रणनीतिक दस्तावेज तैयार करने का अवसर मिलेगा। यह दस्तावेज सिर्फ फसल उत्पादन और उत्पादकता पर ही नहीं, बल्कि जलवायु-लचीली कृषि और मूल्य श्रृंखला के विकास पर भी ध्यान देगा। इसके तहत राज्यों की वार्षिक कार्य योजना को अब योजना-वार स्वीकृत करने के बजाय एक साथ मंजूरी दी जाएगी।
प्रमुख योजनाओं का समावेश
पीएम-आरकेवीवाई में मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन, कृषि यंत्रीकरण, फसल विविधीकरण और जलवायु-लचीले कृषि कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण योजनाओं का समावेश है। वहीं, कृषोन्नति योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन और डिजिटल कृषि जैसे कार्यक्रम भी शामिल किए गए हैं, जो कृषि क्षेत्र में नवाचार और तकनीकी विकास को गति देंगे।
योजनाओं के तहत कुल 1,01,321.61 करोड़ रुपये का प्रस्तावित व्यय किया जाएगा, जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 69,088.98 करोड़ रुपये और राज्यों का हिस्सा 32,232.63 करोड़ रुपये है। पीएम-आरकेवीवाई के लिए 57,074.72 करोड़ रुपये और कृषोन्नति योजना के लिए 44,246.89 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
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