राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

कृषक जगत समाचार@ 5.00 PM: पशु संगणना I डीएपी उर्वरक I नयी योजनाएं I तिलहन उत्पादन I सोयाबीन कीमत

04 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: नमस्कार, आइए जानते हैं आज शाम 5 बजे तक कृषक जगत की 10 बड़ी खबरें…

1.21 वीं पशु संगणना में पूरी तरह ऑनलाइन होगा डाटा कलेक्शन

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पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र में भारत विश्व के अग्रणी देशों में शामिल है। पशु संगणना में जहां भारत का विश्व में प्रथम स्थान है, वहीं विश्व में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन भी भारत में ही होता है। विश्व के सकल दुग्ध उत्पादन का 25% भारत में होता है। भारत में कृषि उत्पादन में पशुपालन एवं डेयरी क्षेत्र का 30% योगदान है। मध्य प्रदेश किसान क्रेडिट कार्ड (पशुपालन) सहित अन्य योजनाओं में भारत में अग्रणी है। अगले माह मध्य प्रदेश सहित पूरे भारत में 21वीं पशु संगणना प्रारंभ होने वाली है। पूरी खबर पढ़े….

2.मध्यप्रदेश के कई जिलों में हल्की वर्षा या बौछारें पड़ेंगी

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मौसम केंद्र, भोपाल से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मध्यप्रदेश के जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में कहीं- कही; चंबल संभाग के जिलों में कुछ ̾ स्थानों पर; इंदौर, नर्मदापुरम, रीवा, सागर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर ,भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर संभागों के जिलों में अधिकांश  स्थानों पर वर्षा दर्ज़  की गई एवं शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा ।अजयगढ़ में सर्वाधिक 122.2 मिमी वर्षा दर्ज़ की गई। पूरी खबर पढ़े….

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3.डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में एनपीके का प्रयोग करने की सलाह

 उपसंचालक कृषि श्री संजय यादव ने किसानों को सलाह दी है कि डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में किसान अपने खेतों में एनपीके 20ः20ः0ः13 या 12ः32ः16 का प्रयोग कर सकते हैं। श्री यादव ने  बताया कि चना उत्पादक किसानों के लिए एन.पी.के. कॉम्प्लेक्स 20ः20ः00ः13 सर्वाेत्तम उर्वरक है, क्योकि इसमें 13 प्रतिशत सल्फर विद्यमान है, पूरी खबर पढ़े….

4.केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि विकास के लिए दो योजनाओं को दी मंजूरी

केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने टिकाऊ कृषि और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए दो अहम योजनाओं – प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) को मंजूरी दी है। इन योजनाओं के तहत 1.01 लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया गया है, जो राज्यों के माध्यम से लागू की जाएंगी। पूरी खबर पढ़े….

5.सात सालों में तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा भारत: राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन को मिली मंजूरी

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन – तिलहन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है। इस मिशन का उद्देश्य अगले सात सालों में भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत 2024-25 से 2030-31 तक 10,103 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़े….

6.स्वराज ट्रैक्टर्स ने 25 एचपी सेगमेंट में ‘टारगेट 625’ लॉन्च किया

महिंद्रा ग्रुप का हिस्सा, स्वराज ट्रैक्टर्स ने अपने लोकप्रिय ‘स्वराज टारगेट रेंज’ को और मजबूत करते हुए टारगेट 625 लॉन्च किया है। यह नया ट्रैक्टर 4WD और 2WD दोनों वेरिएंट्स में उपलब्ध है। यह ट्रैक्टर अपने बेहतरीन पावर, आधुनिक तकनीक और बहुउपयोगिता के साथ लाइटवेट ट्रैक्टर कैटेगरी को नया रूप देने के लिए तैयार है। पूरी खबर पढ़े….

7.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर को महाराष्ट्र में करेंगे पीएम-किसान योजना की 18वीं किस्त जारी, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अक्टूबर 2024 को महाराष्ट्र के वाशिम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 18वीं किस्त जारी करेंगे। इस कार्यक्रम के तहत 9.4 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता मिलेगी। यह धनराशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से किसानों के खातों में जाएगी। पूरी खबर पढ़े….

8.अक्टूबर 2024 में वैश्विक मंदी से सोयाबीन की कीमतों पर असर पड़ेगा: किसानों को क्या उम्मीद करनी चाहिए

भारत के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों में से एक मध्य प्रदेश में सोयाबीन की कटाई का मौसम नजदीक आ रहा है, किसान अक्टूबर 2024 में मंडी की कीमतों को समझने के लिए उत्सुक हैं। 2022 से 2024 तक के ऐतिहासिक डेटा के आधार पर, भविष्य के रुझानों की भविष्यवाणी करना और किसानों को अपनी उपज को बाजार में कब लाना है, इस बारे में सूचित निर्णय लेने में मदद करना संभव है। पूरी खबर पढ़े….

9.ग्रामीण युवाओं के लिए बकरी पालन बना स्वरोजगार का नया साधन

सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र कटिया में युवाओं और किसानों के लिए बकरी पालन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के 27 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बकरी पालन को स्वरोजगार का साधन बनाकर किसानों की आय में वृद्धि करना था। पूरी खबर पढ़े….

10.कपास के किसानों के लिए बड़ा सवाल: क्या अब है समय बदलाव का?

बीटी कपास ने भारत के कृषि परिदृश्य में विशेष रूप से कपास की खेती के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है। 2002 में शुरू किए गए बीटी कपास ने कीटों, विशेष रूप से बोलवर्म से लड़ने में किसानों को एक प्रभावी समाधान दिया। यह एक ऐसा कीट था जो कपास की खेती में बड़ी समस्या बना हुआ था। हालांकि प्रारंभिक परिणाम उत्साहजनक थे, लेकिन बीटी कपास की यात्रा जटिल रही है, जिसमें सफलताएं और नई चुनौतियाँ शामिल हैं। पूरी खबर पढ़े….

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