राज्य कृषि समाचार (State News)पशुपालन (Animal Husbandry)

ग्रामीण युवाओं के लिए बकरी पालन बना स्वरोजगार का नया साधन

04 अक्टूबर 2024, सीतापुर: ग्रामीण युवाओं के लिए बकरी पालन बना स्वरोजगार का नया साधन –  सीतापुर के कृषि विज्ञान केंद्र कटिया में युवाओं और किसानों के लिए बकरी पालन पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें जिले के 27 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बकरी पालन को स्वरोजगार का साधन बनाकर किसानों की आय में वृद्धि करना था।

कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दयाशंकर श्रीवास्तव ने बताया कि बकरी पालन कम लागत और आसान रखरखाव के साथ एक लाभकारी व्यवसाय है। खासतौर पर भूमिहीन और छोटे किसानों के लिए यह आय बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण जरिया बन सकता है। उन्होंने बकरी पालन से होने वाले जोखिमों को कम करने के लिए टीकाकरण और बीमा को जरूरी बताया।

उपयुक्त नस्ल का चयन है जरूरी

पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. आनंद सिंह ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि बकरी पालन में अधिकतम लाभ के लिए बरबरी और जमुनापारी नस्लें सीतापुर क्षेत्र के लिए उपयुक्त हैं। साथ ही, बकरियों को समय-समय पर परजीवी नाशक दवा देना, टीकाकरण करना और संतुलित आहार देना आवश्यक है ताकि उनकी वृद्धि और उत्पादन क्षमता बेहतर हो सके।

सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं

प्रसार वैज्ञानिक डॉ. शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरकार बकरी पालन के लिए विभिन्न सब्सिडी प्रदान करती है। उन्होंने किसानों को कृषक उत्पादक संगठन के माध्यम से संगठित होने की सलाह दी, जिससे पशुपालक बकरी पालन को बड़े स्तर पर ले जाकर अधिक लाभ कमा सकें।

हरा चारा और पशुशाला की व्यवस्था

सस्य वैज्ञानिक डॉ. शशिरकांत सिंह ने बकरियों के लिए सालभर हरा चारा उपलब्ध कराने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने हाइब्रिड नेपियर और गिनी घास जैसी बहुवर्षीय घासों के उपयोग की सलाह दी। मृदा वैज्ञानिक डॉ. सचिन प्रताप तोमर ने बकरीशाला के निर्माण के सही दिशा और ऊंचाई की जानकारी दी ताकि बकरियों को हर मौसम में सुरक्षित रखा जा सके।

बकरी का दूध और पोषण

गृह वैज्ञानिका डॉ. रीमा ने बताया कि बकरीशाला का फर्श पक्का नहीं होना चाहिए, और मिट्टी या रेत का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने इसे पोषण वाटिका में प्रयोग करने की सलाह दी। वहीं, प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ. योगेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बकरी का दूध खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए लाभदायक है, विशेष रूप से वायरल रोगों के दौरान।

इस कार्यक्रम के अंत में सभी 27 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।

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