राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका का WTO में खाद्य भंडारण और आयात सुरक्षा उपायों पर जोर

06 नवंबर 2024, नई दिल्ली: भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका का WTO में खाद्य भंडारण और आयात सुरक्षा उपायों पर जोर – भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका ने विश्व व्यापार संगठन (WTO) की कृषि समिति से मांग की है कि सार्वजनिक खाद्य भंडारण और कृषि उत्पादों के आयात में उछाल रोकने के लिए विशेष सुरक्षा उपायों जैसे मुद्दों पर ध्यान दिया जाए। तीनों देशों का कहना है कि WTO सचिवालय द्वारा सुझाए गए “फैसिलिटेटर-ड्रिवन” यानी मध्यस्थ-आधारित प्रक्रिया के बजाय इन मुद्दों पर औपचारिक चर्चा होनी चाहिए।

फैसिलिटेटर-ड्रिवन प्रक्रिया में, एक अनौपचारिक समूह बनाकर सहमति बनाने का प्रयास होता है। पिछले एक दशक से भारत और अन्य विकासशील देश सार्वजनिक खाद्य भंडारण के मुद्दे पर समाधान की मांग कर रहे हैं, ताकि गरीब और विकासशील देशों के हितों की रक्षा हो सके। हालांकि, अमेरिका, यूरोपीय संघ, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने इस दिशा में किसी भी समाधान को रोका हुआ है।

इन देशों द्वारा साझा बयान में कहा गया, “हम इस मौके पर यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि फैसिलिटेटर-ड्रिवन प्रक्रिया के निर्णय पर हम अपनी चिंता व्यक्त करते हैं। ऐसा लगता है कि प्रस्तावित प्रक्रिया पर स्पष्ट सहमति नहीं है। सदस्यों की चिंताएं अब भी बनी हुई हैं, और किसी भी कार्रवाई को सहमति मान लेना सदस्यों की सामूहिक सहमति को नहीं दर्शाता।”

साझा बयान में यह भी बताया गया कि पिछले महीने WTO सदस्य देशों के प्रतिनिधियों की बैठक में या व्यापार वार्ता समिति की बैठक में इस पर कोई सहमति नहीं बनी थी। अफ्रीकी समूह और इंडोनेशिया जैसे देशों ने भी इस मुद्दे पर अभी तक समर्थन नहीं दिया है, जो कुछ देशों के हितों को साधने के प्रयास को दर्शाता है।

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