डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में एनपीके का प्रयोग करने की सलाह
03 अक्टूबर 2024, हरदा: डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में एनपीके का प्रयोग करने की सलाह – उपसंचालक कृषि श्री संजय यादव ने किसानों को सलाह दी है कि डीएपी उर्वरक के विकल्प के रूप में किसान अपने खेतों में एनपीके 20ः20ः0ः13 या 12ः32ः16 का प्रयोग कर सकते हैं।
श्री यादव ने बताया कि चना उत्पादक किसानों के लिए एन.पी.के. कॉम्प्लेक्स 20ः20ः00ः13 सर्वाेत्तम उर्वरक है, क्योकि इसमें 13 प्रतिशत सल्फर विद्यमान है, दलहन उत्पादन के लिए सल्फर की प्रोटीन निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रहती है, अतः नाइट्रोजन एवं फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर भी फसल को प्राप्त होता है, जबकि डी.ए.पी. उर्वरक में नाइट्रोजन एवं फास्फोरस ही प्राप्त हो पाता है, इसीलिए डी.ए.पी. उर्वरक के विकल्प के रूप में एन.पी.के. कॉम्प्लेक्स 20ः20ः0ः13 को अपनाने के लिये किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है एवं कृषक बंधु सहमत होकर सहर्ष एन.पी.के. कॉम्पलेक्स 20ः20ः0ः13 क्रय कर रहे है तथा अन्य कृषकों को भी इसको क्रय करने संबंधी सन्देश दे रहे है।
उपसंचालक कृषि श्री यादव ने किसानों को सलाह दी है कि गेहूं बोने वाले कृषकों के लिए एन.पी.के. 12ः32ः16 सर्वाेत्तम उर्वरक है, क्योकि इसमें नाइट्रोजन एवं फास्फोरस के अतिरिक्त 16 प्रतिशत पोटाश विद्यमान रहता है, जो कि गेहूं के पौधों को दृढ़ता प्रदान करता है तथा इससे दाना चमकदार एवं बोल्ड बनता है, इसीलिए डी.ए.पी. उर्वरक में नाइट्रोजन एवं फास्फोरस ही प्राप्त हो पाता है, इसीलिए डी.ए.पी. उर्वरक के विकल्प के रूप में एन.पी.के. कॉम्प्लेक्स 12ः32ः16 को अपनाने हेतु कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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