National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

अनाज के पीएसएच पर स्थायी हल चाहता हैं भारत

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28 फरवरी 2024, नई दिल्ली: अनाज के पीएसएच पर स्थायी हल चाहता हैं भारत – विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की 13वीं मंत्रिस्तरीय बैठक (एमसी-13) में भारत अनाज के पब्लिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) या सार्वजनिक भंडार पर स्थायी हल चाहता हैं।

पीएसएच के तहत ही सरकार चावल, गेंहू जैसे अनाज किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदकर उसका भंडारण करती हैं। फिर उसे सस्ते दाम या मुफ्त में गरीबों के बीच वितरित किया जाता हैं। भारत किसानों को दी जाने वाली विभिन्न सब्सिडी की सीमा बढ़ाने के नियम में भी डब्ल्यूटीओ की बैठक में संशोधन चाहता हैं।

वर्तमान में डब्ल्यूटीओ के नियमों के मुताबिक 1986-88 के मूल्यों को आधार मानते हुए उत्पादन मूल्य का 10 प्रतिशत से अधिक किसानों को सब्सिडी नहीं दी जा सकती हैं। भारत इसमें बदलाव चाहता हैं ताकि किसानों को अधिक सब्सिडी देने का वैश्विक मंच पर विरोध न हो सके।

2013 में पीस क्‍लॉज पर हुए थे हस्‍ताक्षर

विकसित देश शुरू से भारत के पीएसएच कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं। वर्ष 2013 में बाली में हुई मंत्रिस्तरीय कान्फ्रेंस में पीएसएच को लेकर एक पीस क्लाज पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके तहत इसका हल नहीं निकलने तक कोई भी देश अनाज की खरीदारी और उसके दाम पर लोगों को देने का विरोध नहीं करेंगा।

सोमवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि पीएसएच खाद्य सुरक्षा और वर्ष 2030 तक भूख मिटाने के लक्ष्य से जुड़ा हैं, इसलिए भारत लंबे समय से लंबित इस मामले का स्थायी हल चाहता हैं। उन्होंने कहा कि जलवाय़ु परिवर्तन व श्रम संबंधी मुद्दों पर डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश आपस में भी बात कर सकते हैं। वह इस पक्ष में नहीं हैं कि डब्ल्यूटीओ के मंच पर गैर-व्यापारिक मुद्दों पर चर्चा हो। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबूधाबी में डब्ल्यूटीओ की द्विवार्षिक बैठक शुरू हो चुकी हैं और यह 29 फरवरी तक चलेगी।

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