National News (राष्ट्रीय कृषि समाचार)

छोटे किसानों का सशक्तिकरण सरकार के विजन का केन्द्र : प्रधानमंत्री

Share

कृषि बजट के प्रभावी कार्यान्वयन पर वेबिनार

8 मार्च 2021, नई दिल्लीछोटे किसानों का सशक्तिकरण सरकार के विजन का केन्द्र : प्रधानमंत्री छोटे किसानों को केन्द में रखकर सरकार के विजन को बताते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इन छोटे किसानों के सशक्तिकरण से भारतीय कृषि को अनेक समस्याओं से छुटकारा दिलाने में बहुत मदद मिलेगी। उन्होंंने इस केन्द्रीय बजट में कृषि के लिए कुछ प्रावधानों के बारे में प्रकाश डाला। इन प्रावधानों में पशु-पालन, डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र को प्राथमिकता देते हुए कृषि ऋण लक्ष्या बढ़ाकर 16,50,000 करोड़ रुपये करना, ग्रामीण बुनियादी ढांचा निधि बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये करना, सूक्ष्म सिंचाई के लिए आवंटन दोगुना करना, ऑपरेशन ग्रीन स्कीम का दायरा 22 जल्दी न खराब होने वाले उत्पाीदों तक बढ़ाना और ई-नाम के साथ 1,000 और मंडियों को जोडऩा शामिल हैं। उन्होंने लगातार बढ़ते जा रहे कृषि उत्पादन के बीच 21वीं सदी में पोस्ट हार्वेस्टर क्रांति या खाद्य प्रसंस्करण क्रांति और मूल्य संवर्धन से संबंधित भारत की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर यह काम दो-तीन दशक पहले हो गया होता तो देश के लिए बहुत अच्छा होता।

प्रधानमंत्री कृषि और किसान कल्याण से संबंधित बजट प्रावधानों के प्रभावी कार्यान्वयन के बारे में आयोजित सेमिनार को वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। इस वेबिनार में कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन क्षेत्र के विशेषज्ञों, सार्वजनिक, निजी और सहकारी क्षेत्र के हितधारकों तथा ग्रामीणों अर्थव्यवस्थाा को वित्तपोषित करने वाले बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कृषि मंत्री भी इस वेबिनार में शामिल हुए।

प्रधानमंत्री ने खाद्यान्नों , सब्जियों, फलों और मछली पालन जैसे कृषि से संबंधित प्रत्येक क्षेत्र में प्रसंस्करण विकसित करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए यह महत्वपूर्ण है कि किसानों को अपने गांव के पास ही भंडारण सुविधाएं उपलब्धप हों। उन्होंने खेतों से प्रसंस्करण इकाइयों तक उत्पााद ले जाने की प्रणाली में सुधार लाने का आह्वान किया और इस बात पर जोर दिया कि ऐसी इकाइयों की लैंड होल्डिंग (जोत) कृषक उत्पादक संगठनों (एफटीओ) द्वारा की जाए। उन्होंने कहा कि हमें प्रसंस्कृत खाद्य के लिए देश के कृषि क्षेत्र का वैश्विक बाजार में विस्तार करना है। हमें गांव के पास कृषि उद्योग क्लस्टरों की संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि गांव के लोगों को अपने गांव में ही कृषि से संबंधित रोजगार प्राप्त हो सकें।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि भारत दुनिया का एक प्रमुख मछली उत्पादक और निर्यातक देश है फिर भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रसंस्कृत मछली के बारे में हमारी हिस्सेदारी बहुत सीमित है। उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य में बदलाव लाने के लिए सुधारों के साथ-साथ सरकार ने ‘रेडी टू ईट’  ‘रेडी टू कुक’ प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों, प्रसंस्कृत ‘सी फूड’ और मोजरैला पनीर जैसे उत्पाथदों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने उत्पादन से जुड़े लगभग 11,000 करोड़ रुपये के प्रोत्साहनों की घोषणा की है। उन्होंने ऑपरेशन ग्रीन का भी जिक्र किया जिसके तहत सभी फलों और सब्जियों की ढुलाई के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। उन्होंंने कहा कि पिछले छह महीनों में ही 350 किसान रेलगाडिय़ों का संचालन किया गया है

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *