दिल्ली कूच के लिए बैरिकेडिंग तोड़ी, किसान बोले- मांगें न मानी तो फिर बढ़ेंगे आगे
03 दिसंबर 2024, नई दिल्ली: दिल्ली कूच के लिए बैरिकेडिंग तोड़ी, किसान बोले- मांगें न मानी तो फिर बढ़ेंगे आगे – सोमवार को नोएडा की सड़कों पर हजारों किसानों ने संसद भवन तक विरोध मार्च निकालने के लिए प्रदर्शन किया। यह मार्च संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेतृत्व में हुआ। करीब चार हजार पुलिसकर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। हालाँकि, थोड़ी दूर बढ़ने के बाद पुलिस ने उन्हें फिर रोकने में सफलता पाई। इस दौरान 5 किलोमीटर लंबा जाम लग गया, जिससे आम जनता को भारी परेशानी हुई।
मुख्य सचिव से बातचीत तक रुके धरने पर: प्रदर्शन के दौरान अधिकारियों और किसानों के बीच सहमति बनी कि अगले एक हफ्ते के भीतर यूपी के मुख्य सचिव से बातचीत होगी। तब तक किसान सड़क किनारे बने दलित प्रेरणा स्थल पर धरना देंगे। अगर बातचीत सफल होती है तो किसान वापस लौट जाएंगे, अन्यथा दिल्ली कूच की योजना को आगे बढ़ाया जाएगा।
किसानों की मुख्य मांगें:
- अधिग्रहित जमीन के बदले 10% विकसित भूखंड और 64.7% अतिरिक्त मुआवजा।
- जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहीत जमीनों का मुआवजा बाजार दर से 4 गुना।
- गौतमबुद्ध नगर का सर्किल रेट बढ़ाया जाए।
- भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार व पुनर्वास।
- हाई पावर कमेटी द्वारा किसानों के हक में की गई सिफारिशें लागू।
सुप्रीम कोर्ट की सख्ती: बार-बार रास्तों के जाम होने पर उच्चतम न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया। न्यायालय ने किसानों को सड़कों को बाधित न करने का निर्देश दिया और पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को प्रदर्शनकारियों को समझाने को कहा। पीठ ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार है, लेकिन आम जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए।
डल्लेवाल, जो खनौरी सीमा पर आमरण अनशन कर रहे थे, को पहले हिरासत में लिया गया था। रिहा होने के बाद वे फिर प्रदर्शन में शामिल हो गए। किसानों की मांगों में एमएसपी की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि ऋण माफी, और किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा शामिल हैं।
दिल्ली-नोएडा सीमा पर भारी जाम: किसानों के विरोध मार्च के चलते दिल्ली-नोएडा सीमा पर भारी जाम देखने को मिला। पुलिस ने कई बैरिकेड लगाए, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। ग्रेटर नोएडा की अपराजिता सिंह ने बताया कि चिल्ला बॉर्डर पार करने में एक घंटा लगा।
पुलिस ड्रोन से निगरानी कर रही है और यातायात को सुचारू रखने के लिए विशेष कदम उठाए गए हैं। पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि संसद सत्र के दौरान बिना अनुमति विरोध प्रदर्शन वर्जित है।
अब सभी की नजर मुख्य सचिव के साथ प्रस्तावित बैठक पर है। अगर बैठक में समाधान नहीं निकला तो किसानों का दिल्ली कूच तय है। किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं और सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार कर चुके हैं।
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