Farming Solution (समस्या – समाधान)

समस्या : बेल और पिप्पली अथवा लेंडी पीपल के बारे में जानकारी दें, इसे कैसे लगाते हैं।

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01 दिसम्बर 2023, भोपाल: समस्या : बेल और पिप्पली अथवा लेंडी पीपल के बारे में जानकारी दें, इसे कैसे लगाते हैं।समाधान: बेल: बेल सारे भारत में हर जगह पाया जाता है। फल पकने पर हरे से सुनहरे पीले रंग का हो जाता है तथा गोलाकार, सख्त, चिकना एवं आकार में 5 से 20 सेमी. व्यास का होता है। पुष्प छोटे तथा सफेद होते हैं। पत्तियां संयुक्त, त्रिपत्र तथा चिकनी एवं चमकदार होती हैं। इसका उपयोगी भाग फल, पत्ती और जड़ होता है। यह समस्त भारत में विशेषत: सूखी पहाड़ी क्षेत्रों तथा हिमालय में 4 हजार फीट की ऊंचाई तक पाया जाता है। ताजे बीजों को नर्सरी में बो कर पौध तैयार की जाती है। मानसून आने पर इसका वृक्षारोपण कर दिया जाता है। बेल का फल बवासीर रोकता हैं व कब्ज की आदत को तोड़ता है। इससे आंतों की कार्य क्षमता बढ़ती है, भूख सुधरती है एवं इन्द्रियों को बल मिलता है।

पिप्पली अथवा लेन्डी पीपल: लता स्वरूप, बहुवर्षीय, पत्ते छोटे ह्दयाकार,पके हुए फल हरे काले रंग के किन्तु सूखने पर काले हो जाते हैं और लम्बे गोल होते है। इस वनौषधि का उत्पत्ति स्थान इन्डोनेशिया तथा मलेशिया है। यह भारत, श्रीलंका तथा नेपाल के जंगलों में भी पाई जाती है। इसकी खेती व्यावसायिक स्तर पर भारत में की जाती है। फल और जड़ इसका उपयोगी भाग है। इसकी खेती के लिए उपयुक्त भूमि लाल मिट्टी वाली सिल्ट दोमट से लेकर मध्यम भारी एवं उत्तम जल निकास वाली बहुत ही अच्छी होती है। खेत में दो-तीन बार जुताई करके तथा खेत में पाटा चलाकर खेत को भुरभुरा समतल तैयार करें, ताकि इसमें जल भराव न हो, इसके फल तथा मूल का प्रयोग प्राचीनकाल से आयुर्वेदिक तथा यूनानी औषधियों के निर्माण में किया जा रहा है। इस वनौषधि का उपयोग  औषधियां बनाने में किया जाता है।

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