Farming Solution (समस्या – समाधान)

मेरे पास सिंचाई के साधन नहीं है वर्षा आधारित खेती करता हूं, वर्षा जल तथा भूमि के संरक्षण के उपाय बतायें

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  • वासुदेव प्रसाद

समाधान – जल संरक्षण और भूमि संरक्षण दोनों का असर उत्पादकता पर पड़ता है। आगामी महिनों में बरसात शुरू होने वाली है आपको निम्न कार्य करके लाभ उठाना चाहिये।

  • खरीफ फसलों की बुआई के पहले खेत को गहरा तथा भुरभुरा बना दें ताकि अधिक से अधिक जल समेटा जा सके।
  • बुआई के बाद 30-35 दिनों के अंदर डोरा चलाना जरूरी है ताकि ऊपर की कडक़ मिट्टी भुरभुरी हो जाये  एवं अंदर की सतह की नमी ऊपर ना आ सके और वाष्पीकरण किया पर रोक लग सके। इसका दूसरा लाभ भी मिलेगा खेत में उपलब्ध खरपतवार भी भूमि में मिल सकेगें और जैविक खाद की मात्रा बढ़ जायेगी।
  • समान ऊंचाई वाली फसलों को पंक्तियों में बोना ताकि वर्षा जल के बहाव की गति धीमी होकर जल भूमि में समा जाये।
  • जरूरत के मुताबिक ही भूमि में कर्षण क्रिया की जाये ताकि अधिक समय तक नमी भूमि में रह सके।
  • यथा सम्भव खेत में बुआई ढाल के विपरीत दिशा में की जाये ताकि वर्षा जल बहाव एवं भूमि का कटाव दोनों से बचा जा सके।
  • अंतरवर्तीय फसलों को लगाना तथा यथा सम्भव खेतों को खाली पड़ती जैसा नहीं रखा जाये।
  • उपयुक्त विधियों को अपनाकर आप अपने खेत की मिट्टी तथा जल का संरक्षण कर सकते हैं।

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