किसानों की सफलता की कहानी (Farmer Success Story)

अमरुद ने कराई, लाखों की कमाई

इंदौर। परम्परागत खेती के बजाय उद्यानिकी फसलों में बढ़ते मुनाफे को देखकर करीब 8 वर्ष पूर्व राजोद जिला धार के उन्नत कृषक श्री मोहन मदारिया (46) द्वारा लगाए गए वीएनआर किस्म के अमरुद के पौधों से लाखों की कमाई होने लगी है। मप्र की तीसरे नंबर की इस नर्सरी में एक विशेष किस्म के अमरुद के पौधे से तैयार अन्य सौ पौधों ने उम्मीदों को नए पंख लगा दिए हैं।

कमाई के खुले किवाड़ – श्री मोहन मदारिया ने कृषक जगत को बताया कि 2012 में वीएनआर किस्म के अमरुद के पौधे रायपुर से लेकर ढाई बीघे में लगाए थे। जिसने 15 माह में फल देना शुरू कर दिया और कमाई के किवाड़ खुल गए। बाद के सालों में खुद की नर्सरी में इसे 3 और 4 बीघे में Photo Mohan Madariyaअलग – अलग विस्तार दिए जाने से लाखों की कमाई हो रही है। यहां इस बात का उल्लेख जरुरी है कि रायपुर से लाए गए पौधों में विशेष किस्म का एक पौधा भी आ गया जिसकी पत्तियां गोल थीं । तने की वृद्धि अन्य पौधों से दुगुनी हुई और लगभग एक वर्ष में फल देने भी लग गया। अब तक 15 किलो फल भी निकल चुके हैं। यह सफलता देखकर इसकी कलम तैयार की गई और ग्राफ्टिंग कर सौ पौधे तैयार किए हैं। इस गुलाबी अमरुद को ग्रीन गोल्ड नाम दिया गया है।

ग्रीन गोल्ड की विशेषताएं – शुगर फ्री ग्रीन गोल्ड अमरुद की मिठास भले ही कम है , लेकिन स्वास्थ्यवर्धक है।इस फल में गड्ढे या खुरदरापन नहीं होने से फल सड़ते नहीं है। जबकि वीएनआर के फल 25 फीसदी तक सड़ जाते हैं। ग्रीन गोल्ड के एक फल का वजन 1.400 किलो से 1.600 किलो तक है, जबकि वीएनआर अमरुद का वजन 700-800 ग्राम बैठता है। हालाँकि दोनों के भाव में ज्यादा फर्क नहीं है। वीएनआर अमरुद 50-60 और ग्रीन गोल्ड 55-65 रु. प्रति किलो बिक रहा है, क्योंकि ग्राहकों को दोनों की गुणवत्ता का अंतर पता नहीं है।

सालाना बीस लाख की कमाई – श्री मदारिया ने बताया कि पहले वीएनआर अमरुद 150-200 रु. किलो तक बिका था। अब दाम गिर गए हैं। औसतन उत्पादन दो से ढाई हजार बॉक्स हो जाता है। एक बॉक्स में 20 किलो अमरुद भरा जाता है। जिसे स्थानीय परिवहन कम्पनी की मदद से आजादपुर मंडी दिल्ली भेजा जाता है। सारे खर्च मिलाकर लागत खर्च 25 रु. प्रति किलो बैठता है। फिर भी सालाना 15-20 लाख की कमाई हो जाती है। संपर्क नंबर – 8770446238

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