डेयरी से रमेश को मिला नियमित रोज़गार
12 फरवरी 2024, मंडलेश्वर(दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर): डेयरी से रमेश को मिला नियमित रोज़गार – बमनाला से 8 किमी दूर स्थित ग्राम शकरखेड़ी तहसील भीकनगांव जिला खरगोन के कृषक श्री रमेश पिता गंगाराम यादव ( 40 ) एक दशक से जैविक खेती कर रहे हैं। 2014 में इन्होंने खेत में ही डेयरी स्थापित कर ली। इस डेयरी में गाय- भैंस के पालन से प्रति दिन उत्पादित दूध की बिक्री से इन्हें नियमित रोज़गार मिल गया है। श्री यादव को ‘आत्मा’ द्वारा पशुपालन और कृषि विभाग द्वारा जैविक खेती के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
जैविक खेती से भूमि का सुधार -श्री यादव ने कृषक जगत को बताया कि उनके पास करीब 5 एकड़ ज़मीन है , जिस पर 2012 -13 से जैविक खेती कर रहे हैं। जैविक खेती का निर्णय रासायनिक खेती की लगातार बढ़ती लागत और दामों के उतार- चढ़ाव को देखते हुए लिया था। जैविक खेती में शुरुआत में उत्पादन कम मिलता है ,लेकिन भूमि का सुधार होते जाता है। इसलिए धीरे -धीरे रकबा बढ़ाया। फिलहाल करीब 3 एकड़ में जैविक खेती की जा रही है। जिसमें समय -समय पर कृषि विभाग का मार्गदर्शन भी मिलता रहता है। खरीफ में सोयाबीन और मक्का तथा रबी में गेहूं की फसल ली जाती है। इसके अलावा घरेलू उपयोग के लिए सब्जियां भी लगाई जाती है। गत वर्ष सोयाबीन का 32 क्विंटल और मक्का का 40 क्विंटल उत्पादन मिला था। इस वर्ष खरीफ में अति वर्षा से सोयाबीन का उत्पादन कम हुआ और मात्र 7 क्विंटल और मक्का का 30 क्विंटल उत्पादन मिला था। अभी रबी में 2 एकड़ में गेहूं और 3 एकड़ में चने लगाए हैं। सिंचाई के लिए निजी कुँए के सूखने पर रूपारेल नदी से सिंचाई की जाती है,जिसका पानी अपरवेदा बांध के कारण मार्च-अप्रैल तक मिल जाता है। श्री यादव ने कहा जैविक खेती अच्छी है , लेकिन अफ़सोस की बात है कि रसायन रहित शुद्ध फसल होने पर भी इसका पृथक से दाम नहीं मिलता है।
डेयरी से 25 हज़ार रु प्रति माह का शुद्ध लाभ -श्री यादव ने बताया कि उनके पास 8 भैंस , 4 गाय और बछड़े आदि सहित करीब 25 पशु हैं। प्रति दिन करीब 60 लीटर दूध का उत्पादन होता है। मेरे अलावा गांव के पशुपालकों से एकत्रित करीब 1400 लीटर दूध गांव में स्थापित साँची बल्क मिल्क सेंटर पर 7 रु प्रति फैट की दर से बेचा जाता है। इस डेयरी व्यवसाय से लागत खर्च घटाने पर 20-25 हज़ार रु प्रति माह का शुद्ध लाभ हो जाता है। इस डेयरी से नियमित रोज़गार मिल रहा है , लेकिन खेती के बिना डेयरी का संचालन बहुत कठिन है। गोबर और गौ मूत्र का खाद बनाने में उपयोग लिया जाता है। पशुओं के लिए चारा खेत में ही उगाया जाता है। श्री यादव को वर्ष 2018 में ‘ आत्मा ‘ द्वारा पशु पालन के क्षेत्र में विकास खंड स्तरीय कृषक पुरस्कार में 10 हज़ार की नकद राशि और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया , जबकि जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह में कृषि विभाग की ओर से जैविक खेती के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा चुका है।
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम)