Editorial (संपादकीय)

खेत तलाई किसानों के लिए एक वरदान

Share

खेत तलाई किसानों के लिए एक वरदान

खेत तलाई किसानों के लिए एक वरदान – भूमिगत जल का स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है और बरसात का औसत कम और समय अवधि में भी परिवर्तन होता जा रहा है जिससे आने वाले समय में पानी की एक विकट समस्या उत्पन्न होगी । वर्तमान में बांधों में पानी नहीं आना और उनका भराव कम होना भी एक मुख्य समस्या है।

किसानों को कृषि करना मुश्किल हो रहा है हमारे द्वारा जल का संरक्षण नहीं करना और लगातार भूमिगत जल का दोहन करना भी जल संकट का मुख्य कारण हैं पहले हमारे पूर्वज जल संरक्षण करते थे और जल का महत्व समझते थे इसीलिए उन्होंने अपने गांवों में तालाब ओर तलाईयों का निर्माण करते थे। जिसमें वह बरसात का पानी एकत्रित करके उसे पूरे साल अपने लिए और पशुओं के लिए काम में लेते थे। उन्ही तालाबों और तलाइयों का ही एक छोटा रूप खेत तलाई है। जिसका उपयोग किसानों द्वारा खेत की सिंचाई हेतु किया जाता हैं खेत तलाई में बरसात का पानी इक_ा किया जाता हैं।

और उसका उपयोग से सिचांई कार्यों में किया जाता है जल सरंक्षण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा खेत तलाई पर किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है सरकार की इस पहल के कारण अब किसानों द्वारा बहुत-सी खेत तलाईयों का निर्माण किया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम भी हमारे सामने आ रहे हैं। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार द्वारा किसानों को खेत तलाई निर्माण पर अनुदान दिया जा रहा है।

आवेदन कैसे करें

खेत तलाई अनुदान हेतु आवेदन ईमित्र के माध्यम से ऑनलाइन कर पत्रावली तैयार कर अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यालय में ऑनलाइन के 30 दिन के भीतर जमा कराना आवश्यक है। 30 दिन बाद पत्रावली स्वत: ही निरस्त हो जाएंगी

अनुदान की पात्रता

  • कृषक के न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर कृषि जोत भूमि नाम होनी चाहिए ।
  • खेत तलाई से जो सिंचाई कार्य हो वह फव्वारा संयंत्र या ड्रिप संयंत्र से किया जाए।

खेत तलाई बनाने के लिए मापदंड

अगर हम खेत तलाई पर अनुदान लेते हैं तो निर्माण में सरकारी मापदंडों का पालन किया जाना आवश्यक है।

  • कृषकों को न्यूनतम 600 घनमीटर (2031033 मीटर) आकर की खेत तलाई बनानी चाहिए।
  • खेत तलाई का निर्माण आबादी और सड़क से कम से कम 50 फीट की दूरी पर होना चाहिए।
  • प्लास्टिक लाइनिंग खेत तलाई में प्लास्टिक शीट आईएसआई मार्का एलडीपीई की 500 माइक्रोन या 250 जीएसएम एलसीएलयूवी प्लास्टिक सीट या एचडीपीई प्लास्टिक शीट बीआईएस गुणवत्ता 500 माइक्रोन काम में ली जानी चाहिए ।

खेत तलाई पर अनुदान

खेत तलाई मुख्य रूप से दो प्रकार से बनाई जाती है।

कच्ची खेत तलाई

कच्ची खेत तलाई के निर्माण पर लागत का 50 प्रतिशत (86.50 रुपये प्रति घन मीटर भराव क्षमता) या अधिकतम 52500 रुपये देय है इन दोनों जो भी कम हो ।

खेत तलाई के फायदे

जो खेत पानी की कमी से सूख रहे हैं या जिन खेतों में पानी की कमी से खेती नहीं हो पा रही उन खेतों की लिए खेत तलाई एक अच्छा विकल्प है। खेत तलाई से किसानों द्वारा बागवानी की जाती हैं इसके अलावा रबी और खरीफ में कम पानी वाली फसलें आसानी से उगा सकते हैं और ड्रिप सिंचाई के माध्यम से सब्जियों का उत्पादन बड़े स्तर पर कर सकते हैं खेत तलाई में मछली पालन कर अतिरिक्त आय भी की जा सकती हैं और बरसात के पानी को सुरक्षित कर उसका सदुपयोग करने का सबसे अच्छा विकल्प है खेत तलाई।

प्लास्टिक लाइनिंग खेत तलाई

इस पर लागत का 50 प्रतिशत (इकाई लागत का रु. 125 प्रति घनमीटर भराव क्षमता) अथवा 75000 रुपये अधिकतम अनुदान देय है या इन दोनों में जो भी कम हो ।
यह अनुदान पीएमकेएसवाई में राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन द्वारा दिया जाता है इसके अतिरिक्त राज्य योजना में 10त्न अतिरिक्त टॉपअप अनुदान देय होता है। 10त्न अतिरिक्त अनुदान को मिलाकर कच्ची खेत तलाई पर अधिकतम रु. 63000 तथा प्लास्टिक लाइनिंग खेत तलाई पर अधिकतम रु. 90000 का अनुदान दिया जाता है।

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *