तिल को तना सडन से बचाएँ
तिल को तना सडन से बचाएँ – कृषि विज्ञान केन्द्र पन्ना म.प्र. ने कृषकों को तिल में लगने वाली बीमारियों के बारे में बताया ण् साथ ही अच्छे उत्पादन हेतु खड़ी फसल में एन.पी.के.18-18-18 का एक प्रतिषत घोल बनाकर छिड़काव करने की सलाह दी। डॉ. आषीष कुमार त्रिपाठी ने वर्तमान में हो रही वर्षा के कारण तिल की फसल में लगने वाले तना एवं पत्ती सड़न रोग जो कि अधिक वर्षा के कारण होती है के बचाव हेतु कापरऑक्सीक्लोराईड अथवा रीडोमिल के छिड़काव की सलाह दी। डॉ. आर.के. जायसवाल ने तिल हॉकमॉथ तथा तिल में लगने वाले कीटों के नियंत्रण हेतु इमामेक्टीन बैंजोएट के छिड़काव की सलाह दी। डॉ. आर.पी सिंह तथा रीतेष बागोरा ने फसलों के अच्छे उत्पादन हेतु खेतों में जल निकासी की व्यवस्था तथा यदि खरपतवारों की अधिकता है तब हाथ से निंदाई करें इस अवस्था में खरपतवारनाषी दवा न डाले।