महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में सोयाबीन फसल में बना हुआ घोंघे रोग का प्रकोप, कैसे करें फसल का बचाव
03 अगस्त 2023, भोपाल: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा में सोयाबीन फसल में बना हुआ घोंघे रोग का प्रकोप, कैसे करें फसल का बचाव – भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान- इंदौर द्वारा 31 जुलाई से 6 अगस्त 2023 की अवधि के लिए सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह दी गई है।
संस्थान ने बताया हैं कि सोयाबीन की खेती किये जाने वाले क्षेत्रों में अभी भी उन्हीं कीट एवं रोगों का प्रकोप बना हुआ है, जो पिछले सप्ताह देखे गए थे। अतः सोयबीन कृषकों को सलाह है कि वे घोंघे रोग के लक्षणों को पहचान कर तुरंत कीट नियंत्रण के उपाय अपनाएं एवं इसके प्रकोप से फसल को बचायें।
महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र में विगत वर्षो से घोंघे (snails-slugs/गोगलगाय) द्वारा सोयाबीन की पत्तियों को खाने की समस्या बढती जा रही हैं। कृषकों को सलाह हैं कि वे सतर्क रहे एवं अपने खेतो में सतत निगरानी करते रहे। इसके लिए गुड के साथ मेटालडिहाइड 2.5% सूखे पेलेट का द्रावन बनाकर जूट के बोरे को इस द्रावन में भिगोकर अपने खेत में रात को रखे एवं अगले दिन निरिक्षण करें। साथ ही सुरक्षात्मक रूप से अपने खेत के चारों ओर चूने की लकीर डालकर घोंघे को आने से रोके। समस्या अधिक होने पर सोयाबीन के लिए अनुशंसित कीटनाशक जैसे मेलाथिओंन 50 ईसी. (1500 मिली/हे) या इन्डोक्साकार्ब 15.8 इ.सी. (333 मिली/हे) का फसल एवं जमीन पर छिडकाव करें।
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