फसल की खेती (Crop Cultivation)

सीहोर जिले में मिश्रित एवं अंतरवर्तीय खेती को बढ़ावा दिया जाएगा : श्री पाण्डेय

17 अगस्त 2022, सीहोर । सीहोर जिले में मिश्रित एवं अंतरवर्तीय खेती को बढ़ावा दिया जाएगा : श्री पाण्डेय – एक फसल की बजाय भूमि में विभिन्न फसलों की बुवाई करना जिससे कभी भी एक फसल को नुकसान हो तो दूसरी फसल में से उसकी भरपाई हो सके और कोई एक फसल की कीमत में बदलाव होने पर भी संतुलन बना रहे। जलवायु परिवर्तन से मौसम में कभी भी बदलाव हो जाता है। ऐसे में मिश्रित खेती या फसल विविधीकरण एवं अंतरवर्तीय फसल पद्धति को अपनायें। उक्त जानकारी जिले के नये उप संचालक कृषि श्री के. के. पाण्डेय ने कृषक जगत से हुई मुलाकात में दी। आपने बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ फसल लगभग 4 लाख हेक्टेयर में बोई गई है। सर्वाधिक सोयाबीन 2 लाख 85 हजार हेक्टेयर, धान 46 हजार, मक्का 28 हजार, उड़द 20 हजार, मूंग 16 हजार, ज्वार 2 हजार, अरहर 180 हजार हेक्टेयर के अलावा तिल, मूंगफली भी किसानों द्वारा लगाईं गई है। कम लागत अधिक उत्पादन हेतु प्राकृतिक खेती, फसल विविधीकरण के लिए विकासखंड स्तर पर कृषि एवं आत्मा के अधिकारी किसानों को जागरूक कर रहे है।

श्री पाण्डेय ने बताया वर्तमान में कृषक फसलों पर कीट नियंत्रण देखते ही उनके नियंत्रण हेतु उचित कीटनाशकों का प्रयोग करें। खेत की सीमाओं पर पर्याप्त नमी होने पर फल एवं वानिकी पौधे लगाकर वृक्षारोपण, खेतों में उचित जल निकासी, खेत के पास से बहती हुई नालियों में वर्षा जल को रोकने के प्रयास करने का यह उचित समय है।

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