सोयाबीन की समृद्ध खेती: बरसात में कीट और बीमारियों से बचाव के टिप्स
03 अगस्त 2024, भोपाल: सोयाबीन की समृद्ध खेती: बरसात में कीट और बीमारियों से बचाव के टिप्स – मध्य भारत में लगातार बारिश और बूंदाबांदी हो रही है, जिसके कारण सोयाबीन की फसल पर हानिकारक कीटों और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। इन परिस्थितियों को देखते हुए, भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान ने किसानों के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह जारी की है, जो फसल की सुरक्षा और उत्पादन बढ़ाने में सहायक होंगी।
1. चने की इल्ली (ग्राम पॉड बोरर) का प्रकोप
मध्य प्रदेश के कुछ जिलों में चने की इल्ली (ग्राम पॉड बोरर) का प्रकोप देखा गया है। इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का छिड़काव करें: इंडोक्साकार्ब 15.80% EC का 333 मिली/हेक्टेयर का छिड़काव करें। इसके लिए वैकल्पिक कीटनाशक है एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC का 425 मिली/हेक्टेयर या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l SC का 42-62 ग्राम/हेक्टेयर या फ्लूबेंडियमाइड 39.35% w/w SC का 150 मिली/हेक्टेयर और नोवालूरॉन 05.25% + इंडोक्साकार्ब 04.50% SC का 825-875 मिली/हेक्टेयर छिड़काव करें।
2. बिहार हेरी कैटरपिलर का नियंत्रण
बिहार हेयरी कैटरपिलर का प्रकोप होने पर झुण्ड में रहने वाली इन इल्लियो को प्रारंभिक अवस्था में ही पौधे सहित खेत से निष्कासित करें।
इस कीट के नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग करें: फ्लूबेंडियमाइड 39.35% w/w SC का 150 मिली/हेक्टेयर या एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC का 425 मिली/हेक्टेयर या ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l SC का 42-62 ग्राम/हेक्टेयर, और स्पिनोटेरम 11.7 SC का 450 मिली/हेक्टेयरछिड़काव करें।
3. चक्र भृंग का नियंत्रण
सोयाबीन की फसल घनी होने पर फसल में चक्र भृंग (गिर्डल बीटल) का प्रकोप अधिक होने की संभावना होती है। इसके लिए प्रारंभिक अवस्था में ही (एक सप्ताह के अंदर) दो रिंग दिखाई देने वाली ऐसी मुरझाई/लटकी हुई ग्रसित पत्तियों को तने से तोड़कर जला दे या खेत से बाहर करे।
प्रभावित पौधों को नष्ट करें और और निम्नलिखित कीटनाशकों का छिड़काव करें: थियाक्लोप्रिड 21.7 S.C. का 750 मिली/हेक्टेयर या एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC का 425 मिली/हेक्टेयर, आईसोसाइकलोसेराम 9.2% W/W DC (10% W/V) DC का 600 मिली/हेक्टेयर, कार्टाप हाइड्रोक्लोराइड 04% + फिप्रोनिल 00.50% CG का 200 मिली/हेक्टेयर, एसिटामिप्रिड 25% + बाइफेंथ्रिन 25% WG का 250 ग्राम/हेक्टेयर, टेट्रानिलिप्रोल 18.18 SC का 250-300 मिली/हेक्टेयर, प्रोफेनोफोस 50 E.C. का 1 लीटर/हेक्टेयर, और क्लोरानट्रानिलिप्रोल 18.50% SC का 150 मिली/हेक्टेयर छिड़काव करें।
4. तना मक्खी का नियंत्रण
तना मक्खी के नियंत्रण हेतु सलाह हैं कि लक्षण दिखाई देने पर तुरंत पूर्वमिश्रित कीटनाशक आइसोसायक्लोसरम 9.2WW.DC (10% W/V)DV @600 मिली/हेक्टेयर या थायमेथोक्सम 12.60%+लैम्ब्डा सायहलोथ्रिन 09.50% ZC @125 मिली/हेक्टेयर या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हेक्टेयर) या इंडोक्साकार्ब 15.80% EC (333 मिली/हेक्टेयर) का छिड़काव करें।
15-20 दिनों की अवधि वाली फसल में किसानों को पत्ती खाने वाले कीटों से सुरक्षा हेतु फूल आने से 4-5 दिन पहले तक क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 SC. @ 150 मिली/हेक्टेयर का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। इससे अगले 30 दिनों तक पत्ती खाने वाले कीटों पर नियंत्रण में मदद मिलती है।
5. सेमीलूपर इल्ली का नियंत्रण
इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का छिड़काव करें: क्लोरानट्रानिलिप्रोल 18.5% SC का 150 मिली/हेक्टेयर, एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC का 425 मिली/हेक्टेयर, ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l SC का 42-62 ग्राम/हेक्टेयर, फ्लूबेंडियमाइड 20% WG का 250-300 ग्राम/हेक्टेयर, फ्लूबेंडियमाइड 39.35% w/w SC का 150 मिली/हेक्टेयर, एसिटामिप्रिड 25% + बाइफेंथ्रिन 25% WG का 250 ग्राम/हेक्टेयर, इंडोक्साकार्ब 15.80% EC का 333 मिली/हेक्टेयर, लैम्ब्डा-साइहैलोथ्रिन 04.90% CS का 300 मिली/हेक्टेयर, प्रोफेनोफोस 50% EC का 1 लीटर/हेक्टेयर, टेट्रानिलिप्रोल 18.18 SC का 250-300 मिली/हेक्टेयर, प्री-मिक्स्ड बेटा-साइफ्लुथ्रिन 08.49% + इमिडाक्लोप्रिड 19.81% w/w OD का 350 मिली/हेक्टेयर, नोवालूरॉन + इंडोक्साकार्ब 04.50% SC का 825-875 मिली/हेक्टेयर, थायामेथोक्साम 12.60% + लैम्ब्डा-साइहैलोथ्रिन 09.50% ZC का 125 मिली/हेक्टेयर, और क्लोरानट्रानिलिप्रोल 09.30% + लैम्ब्डा-साइहैलोथ्रिन 04.60% ZC का 200 मिली/हेक्टेयर छिड़काव करें।
6. तंबाकू कैटरपिलर (स्पोडोप्टेरा लिटुरा) का नियंत्रण
इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित कीटनाशकों का छिड़काव करें: एमामेक्टिन बेंजोएट 01.90% EC का 425 मिली/हेक्टेयर, ब्रोफ्लानिलाइड 300 ग्राम/हेक्टेयर SC का 42-62 ग्राम/हेक्टेयर, एसिटामिप्रिड 25% + बाइफेंथ्रिन 25% WG का 250 ग्राम/हेक्टेयर, फ्लूबेंडियमाइड 20% WG का 250-300 ग्राम/हेक्टेयर, फ्लूबेंडियमाइड 39.35% w/w SC का 150 मिली/हेक्टेयर, इंडोक्साकार्ब 15.80% EC का 333 मिली/हेक्टेयर, टेट्रानिलिप्रोल 18.18 SC का 250-300 मिली/हेक्टेयर, स्पिनोटेरम 11.7 SC का 450 मिली/हेक्टेयर, और नोवालूरॉन + इंडोक्साकार्ब 04.50% SC का 825-875 मिली/हेक्टेयर छिड़काव करें।
7. कीटों पर संयुक्त नियंत्रण
आपकी फसल में सेमीलूपर या चने की इल्ली या तम्बबाकू की इल्ली में से कोई एक या एक साथ तीनो पाए जाने पर नियंत्रण के लिए निम्न में से किसी भी एक रसायन का छिड़काव करें : ब्रोफ्लानिलाइड 300 g/l SC का 42-62 ग्राम/हेक्टेयर, फ्लूबेंडियमाइड 39.35% w/w SC का 150 मिली/हेक्टेयर, इंडोक्साकार्ब 15.80% EC का 333 मिली/हेक्टेयर, और नोवालूरॉन + इंडोक्साकार्ब 04.50% SC का 825-875 मिली/हेक्टेयरछिड़काव करें।
जिन क्षेत्रों में पत्ती खाने वाले कीटों के साथ-साथ सफेद मक्खी और तना छेदक कीटों का एक साथ प्रकोप हो, वहां फसल पर थियामेथोक्सम + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन (125 मिली/हेक्टेयर) या बीटासिफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हेक्टेयर) या एसिटामिप्रिड 25% + बिफेन्थ्रिन 25% डब्ल्यूजी (250 ग्राम/हेक्टेयर) या क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 09.30% + लैम्ब्डा साइहेलोथ्रिन 04.60% जेडसी (200 मिली/हेक्टेयर) जैसे पूर्व मिश्रित फार्मूलों में से किसी एक का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
8. येलो मोज़ेक वायरस (YMV)/सोयाबीन मोज़ेक वायरस (SMV) का नियंत्रण
पीला मोज़ेक/सोयाबीन मोज़ेक रोग के नियंत्रण के लिए किसानों को प्रभावित पौधे/भाग को उखाड़ने/नष्ट करने और एसेटामिप्रिड 25% + बाइफेंथ्रिन 25% WG (250 ग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है। वैकल्पिक रूप से, आप थायमेथोक्सम + लैम्ब्डा सायहलोथ्रिन (125 मिली/हेक्टेयर) या बीटासायफ्लुथ्रिन + इमिडाक्लोप्रिड (350 मिली/हेक्टेयर) में से किसी एक को भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके छिड़काव से तना मक्खी का भी नियंत्रण भी किया जा सकता है।
9. एंथ्रेक्नोज रोग नियंत्रण
लगातार बारिश की स्थिति में एन्थ्रेक्नोज रोग का संक्रमण हो सकता है। किसानों को नियमित अंतराल पर अपनी फसल की निगरानी करने और लक्षण दिखाई देने के तुरंत बाद टेबुकोनाज़ोल 25.9 EC (625 मिली/हेक्टेयर) या टेबुकोनाज़ोल 38.39 SC (625 मिली/हेक्टेयर) या टेबुकोनाज़ोल 10%+सल्फर 65% WG (1.25 किलोग्राम/हेक्टेयर) या कार्बेन्डाजिम 12%+मेंकोज़ेब 63% WP (1.25 किलोग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
10. रिजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट
किसानों को राइजोक्टोनिया एरियल ब्लाइट के लक्षण दिखाई देने पर अनुशंसित फफूंदनाशकों जैसे कि पाइरोकलोस्ट्रोबिन 20% WG (375-500 ग्राम/हेक्टेयर) का छिड़काव करने की सलाह दी जाती है।
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