वर्षा आधारित स्थिति के लिए जौ की अधिक उपज देने वाली किस्मों की सूची
22 नवम्बर 2023, भोपाल: वर्षा आधारित स्थिति के लिए जौ की अधिक उपज देने वाली किस्मों की सूची – जौ की दोहरे उद्देश्य वाली किस्में वर्षा आधारित स्थिति के लिए उपयुक्त हैं। यह किस्में कृषि विभाग, नई दिल्ली और आईसीएआर के प्री-रबी इंटरफेस 2023 के दौरान प्रस्तावित की गई हैं। जौ की दोहरे उद्देश्य वाली वर्षा आधारित स्थिति के उपयुक्त किस्में नीचे तालिका में दी गई हैं।
किस्म का नाम | वर्ष | उपज (क्वि./हे.) | परिपक्वता (दिन) | अनुशंसित राज्य |
Him Palam Jau 2 (HBL-804) | 2022 | 175-185 | 30 | हिमाचल प्रदेश |
BHS 400 | 2014 | 168 | 33 | हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड |
VLB 118 | 2013 | 170 | 31 | उत्तराखंड |
BHS 380 | 2010 | 190 | 21 | हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूर्वोत्तर राज्य |
RD 2715 | 2008 | 130 | 26 | एमपी, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात |
जौ की फसल मैदानी इलाकों में बुआई के 50-55 दिन बाद पहली कटाई के लिए पक कर तैयार हो जाती हैं और पहाड़ी इलाकों में 70-75 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं। जौ की फसल का उपयोग हरे चारे के लिए और पुनर्जीवित फसल का उपयोग अनाज के लिए किया जा सकता है।
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